Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2025 03:39 PM

इस मामले में निगम अधिकारियों की लापरवाही की जांच विजीलैंस भी कर रही है।
जालंधर, (खुराना): नगर निगम अब 66 फीट रोड पर और शहर के अन्य हिस्सों में स्थित मंजूरशुदा कॉलोनियों, सैंकड़ों फ्लैटों और दर्जनों कमर्शियल बिल्डिंगों से पानी और सीवरेज के बिल वसूलने की तैयारी कर रहा है। कई सालों से इन क्षेत्रों में विकास कार्य तो किए जा रहे थे, लेकिन पानी और सीवरेज बिलों की वसूली नहीं हो रही थी। इस लापरवाही के कारण निगम को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन विधायक परगट सिंह के प्रयासों से छावनी विधानसभा क्षेत्र के 13 गांवों को 2019 में जालंधर नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया था। नियमों के अनुसार, नए शामिल क्षेत्रों से 3 साल तक टैक्स नहीं लिया जाना था लेकिन इसके बाद वसूली शुरू होनी चाहिए थी। पूर्व निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण 66 फीट रोड पर स्थित कॉलोनियों, फ्लैटों और कमर्शियल बिल्डिंगों से अब तक बिल वसूली शुरू नहीं हुई। खास बात यह है कि 66 फीट रोड पर सैंकड़ों अवैध पानी और सीवर कनैक्शन हैं, जिन्हें न तो काटा जा रहा है और न ही इनसे कोई रेवैन्यू वसूला जा रहा है। इस क्षेत्र का सीवरेज फोल्डीवाल प्लांट में जाता है, जिसके संचालन पर निगम करोड़ों रुपए खर्च करता है। निगम का वाटर सप्लाई विभाग इस समय सबसे अधिक घाटे में है, क्योंकि खर्च ज्यादा है और वसूली कम हो रही है। इस मामले में निगम अधिकारियों की लापरवाही की जांच विजीलैंस भी कर रही है।
मेयर के निर्देश पर शुरू हुआ कोड जेनरेट करने का काम
मेयर वनीत धीर के निर्देश पर निगम ने अब इन कॉलोनियों की पहचान शुरू कर दी है और वाटर सप्लाई ब्रांच द्वारा नई म्यूनिसिपल आई.डी. बनाने का काम शुरू हो गया है। मेयर ने बताया कि आई.डी. जेनरेट होते ही इन कॉलोनियों, फ्लैटों और कमर्शियल बिल्डिंगों से पानी और सीवरेज बिलों की वसूली शुरू हो जाएगी, जिससे निगम की आय में वृद्धि होगी।