International Yoga Day: 6 साल की उम्र में इस बच्ची ने योग में जीते 50 से अधिक मैडल

Edited By Vatika,Updated: 21 Jun, 2021 11:01 AM

international yoga day

दिल्ली के निकट द्वारिका के सैक्टर-6 में रहने वाली 6 वर्षीय छात्रा वनीशा बिजौरिया पुत्री राज बिजौरिया द्वा

जालन्धर (धवन) : दिल्ली के निकट द्वारिका के सैक्टर-6 में रहने वाली 6 वर्षीय छात्रा वनीशा बिजौरिया पुत्री राज बिजौरिया द्वारा किए जा रहे कठिन से कठिन योगासनों ने सरकार सहित सभी को अचम्भे में डाला हुआ है। पिछले 3 वर्षों से कठिनतम योगासन करने में माहिर वनीशा इस समय सूर्य नमस्कार, शीर्षासन, सुप्तमऋषि आसन, डिम्ब आसन, चक्रासन, विश्वामित्र आसन, नटराज आसन, पश्चिमोतान आसन सहित 100 से अधिक आसन करने में माहिर है।

अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के अवसर पर वनीशा के पिता राज बिजौरिया ने बताया कि उनकी बेटी द्वितीय कक्षा की छात्रा है, उसके द्वारा किए जा रहे योगासनों से प्रभावित होकर केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने उसे मिलने के लिए बुलाया था तथा उनकी बेटी की पीठ थपथपाई थी। वनीशा बिजौरिया ने योग की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अनेकों राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कार जीते हैं। 2019 में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की योग प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया था। इसी वर्ष दिल्ली में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वनीशा ने दूसरा स्थान हासिल किया। 2020 में कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल तौर पर हुई योग प्रतियोगिताओं में भी वनीशा ने भाग लिया था और उसे दिल्ली, तमिलनाडु, चंडीगढ़ तथा हरियाणा से प्रथम पुरस्कार मिला। अब तक वह 50 विभिन्न मैडल व पुरस्कार जीत चुकी है।

राज बिजौरिया बताते हैं कि उनकी बेटी ने उनसे योग की प्रेरणा लेकर योगा करना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि वह स्वयं भारतीय विद्या भवन से योग विषय में टॉपर रहे हैं। इसी तरह से वह योगा सर्टीफिकेशन बोर्ड से भी क्वालीफाइड हैं। उन्होंने बताया कि जब वह घर में योगा करते थे तो बेटी भी साथ-साथ योगा करने आ जाती थी। अब उनकी बेटी के शरीर में इतनी लचकता आ रही है कि लोग उन्हें ‘इलास्टिक गर्ल’ के नाम से पुकारते हैं। राज बिजौरिया ने बताया कि अपनी बेटी को जब वह राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए लेकर जाते थे तो उन्हें कई प्रकार की मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। योग प्रतियोगिता में भाग लेने की न्यूनतम आयु 8 वर्ष है जबकि उनकी बेटी की आयु अभी 6 वर्ष ही हुई है। जब जजों ने उनकी बेटी को योग करते हुए देखा तो वह काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कम आयु होते हुए भी योग प्रतियोगिताओं में उनकी बेटी को दाखिला दिया। वनीशा अभी घर में ही योगासन का अभ्यास करती है तथा उनकी इच्छा है कि भारत रोगमुक्त देश बने। कोरोना महामारी को देखते हुए योग का महत्व और भी बढ़ चुका है और वह सभी को प्रेरित कर रही है कि भारत को दवामुक्त देश बनाने के लिए लोग योग का सहारा लें।

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