Edited By Urmila,Updated: 12 May, 2025 10:44 AM

राज्य जी.एस.टी विभाग के अधिकारियों ने लुधियाना के जे.एम.डी माल के पास बेअरिंग मार्केट में चेकिंग करते हुए 14 नग जब्त किए।
लुधियाना : राज्य जी.एस.टी विभाग के अधिकारियों ने लुधियाना के जे.एम.डी माल के पास बेअरिंग मार्केट में चेकिंग करते हुए 14 नग जब्त किए। बता दिया जाए, कि दो इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है जिसमें इंस्पेक्टर कश्मीरा सिंह के साथ एक मुलाजिम प्राइवेट स्विफ्ट गाड़ी में चेकिंग कर रहे थे। नगों में क्या माल है, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन अधिकारियों ने माल जब्त कर मोबाइल विंग विभाग भेज दिया है और उक्त माल के नोटिस काट कर दे दिए है।
जालंधर से स्पेशल इंस्पेक्टर स्तर अधिकारी लुधियाना चेकिंग के लिए आ रहे है
इंस्पेक्टर राज की हुई हदें पार हो गई हैं। जालंधर के इंस्पेक्टर लुधियाना चेकिंग करने आ रहे है, एक कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आज कल इंस्पेक्टर बड़े स्तर पर कार्रवाई कर कारोबारियों पर दबाव बना रहे है। उन्होंने कहा कि जब लुधियाना में मोबाइल विंग अधिकारी मौजूद है और सक्रिय रूप से चेकिंग कर रहे है, तो फिर सरकार को जालंधर से स्पेशल अधिकारी भेजने की क्या जरूरत है। उन्होंने बताया कि जालंधर से इंस्पेक्टर आ कर लुधियाना चेकिंग कर रहे है और माल पकड़ने के बाद कई बार कारोबारी को जालंधर मोबाइल विंग कार्यालय बुलाया जाता है, जिससे कारोबारी परेशानी का सामना कर रहे है, उन्होंने बताया कि एक तो माल रोकने से कारोबार प्रभावित होता है, ऊपर से कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर करते है, अधिकारी। अन्तः कारोबारियों को सरकार के साथ-साथ अधिकारियों की भी जेबें गर्म करनी पड़ती है, तभी उनकी गाड़ी और मॉल वापिस मिल पाता है। उन्होंने बताया कि कैसे अधिकारी बेहद आसानी से सरकारी पनेल्टी से कुछ फीसदी कम कर अपनी जेब भर लेते है।
एक्ट के अनुसार इंस्पेक्टर के पास गाड़ी रोकने और नोटिस काटने की कोई पावर नहीं
जी.एस.टी एक्ट के अनुसार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के पास माल रोकने की कोई पावर ही नहीं है, फिर भी इंस्पेक्टर बकायदा गाड़ी रोकते है और नोटिस भी काटते है, जो कि सरासर कानून की उलंघना है। जी.एस.टी एक्ट की प्रक्रिया स्पष्ट तौर पर निर्धारित करती है कि किस माल की गाड़ी को स्टेट टैक्स ऑफिसर स्तर का अधिकारी ही रोकने या निरीक्षण कर सकता है। इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के पास न तो माल रोकने का अधिकार है और न ही बिना उचित कारण के नोटिस जारी करने का। इसके साथ इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग भी नहीं दी जाती। तो किस अधिकार से इंस्पेक्टर धड़ल्ले से गाड़ियां रोक रहे है।
एस.टी.ओ. की जगह इंस्पेक्टर कर रहे है, सिग्नेचर
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टेट टैक्स ऑफिसर की जगह पर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी नोटिस पर सिग्नेचर व स्टाम्प लगा रहे है, न तो एक्ट में अधिकारियों को पावर, फिर किस अधिकार से इंस्पेक्टर नोटिस काट रहे है।
देश युद्ध की स्थिति में, लेकिन राज्य जी.एस.टी. विभाग नोटिस काटने में व्यस्त
एक तरह देश युद्ध की स्थिति में है और लोग सहमे पड़े है, लेकिन राज्य जी.एस.टी. विभाग अपने ही मग्न है और नोटिस पर नोटिस काट रहे है, उन्हें कोई परवाह नहीं है, कि देश में क्या चल रहा है। यहां तक कि छुट्टी वाले दिन भी अधिकारी नोटिस काटने के लिए तात्पर्य रहते है।
कारोबारियों को परेशान करने के लिए सरकार ने एक बार पुनः इंस्पेक्टर राज स्थापित कर दिया है। जहां कानून में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को इंस्पेक्शन करने की व रोड चेकिंग के दौरान गाड़ी रोकने की और नोटिस काटने की कोई पावर नहीं है, लेकिन फिर भी कानून के बाहर जाकर इंस्पेक्टर धड़ल्ले से नोटिस काट रहे है और इंस्पेक्शन को अंजाम दे रहे है, जो कि सरासर गलत है और कानून के विरुद्ध है।
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