Edited By Kalash,Updated: 22 Mar, 2025 07:00 PM

इनकम टैक्स विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने प्रिंसीपल डायरेक्टर की निगरानी में 4 राज्यों पंजाब, जम्मू, दिल्ली और यू.पी. में 10 से ज्यादा ठिकानों में पर छापेमारी की थी।
जालंधर (मृदुल): इनकम टैक्स विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने प्रिंसीपल डायरेक्टर की निगरानी में 4 राज्यों पंजाब, जम्मू, दिल्ली और यू.पी. में 10 से ज्यादा ठिकानों में पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें जांच दौरान पता चला कि कुछ प्रमुख एकाऊंटेंट मिलकर पूरे देश में सरकारी कर्मचारियों को इनकम टैक्स रिफंड दिलाने के एवज में जाली रिटर्न फाइल कर रहे हैं। इसमें पंजाब सहित अन्य राज्यों के प्रमुख एकाउंटेंट के बारे जानकारी मिली थी। इसको लेकर टीम ने 2 दिन सभी जगहों पर रेड की थी।
रेड के दौरान इनके ठिकानों से मिले मोबाइल, लैपटॉप और अन्य यंत्रों को दस्तावेजों और डिजीटल रिकॉर्ड बारे सबूत मिले। इनकी जांच की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने इन्हीं टैक्स डिफॉल्टरों द्वारा फर्जी छूटों और कटौतियों का दावा करके बड़ी टैक्स चोरी का पता लगाया है। सूत्रों ने बताया कि उक्त धोखेबाजों द्वारा अपनाया जा रहा यह ढंग टैक्स आवेदकों के इनकम टैक्स रिटर्न (आई.टी.आर) फाइल करने के लिए लाखों ई-मेल आई.डी और संपर्क नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इनकम टैक्स एक्ट और बिना किसी सबूत के धारा 10 और 80 के तहत भारी कटौतियां और छूटों का ऐलान करके जाली रिफंड का दावा कर रहे हैं।
इसके अलावा रिफंड की रकम और आम तौर टैक्स भरने वाले वालों द्वारा प्राप्त रिफंड राशि का 5 से 10 प्रतिशत तक का कमीशन भी ले रहे थे। उक्त कमीशन की राशि उनके द्वारा बैंक चैनलों या नकद रूप में ली जा रही थी। ज्यादातार मामलों में टी.डी.एस का पूरी तरह रिफंड का दावा किया गया था। इसके नतीजे के रूप में सरकारी खजाने को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ था। ऐसे इंकम टैक्स रिटर्नों की कुल संख्या लगभग 1 लाख से भी ज्यादा है और यह संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। क्योंकि विभाग द्वारा अभी भी जांच जारी है। इन्हीं व्यक्तियों के घरों एवं अन्य ठिकानों पर बुधवार शुरु हुई जांच वीरवार देर रात तक चलती रही।
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