Edited By Vatika,Updated: 04 Oct, 2024 02:47 PM
धान की खरीद का संकट दिन प्रति दिन गहरा होता जा रहा है
पटियाला: धान की खरीद का संकट दिन प्रति दिन गहरा होता जा रहा है। शैलर मालिक पहले ही सरकार को स्टोरेज करने से साफ न कर चुके हैं और अब खरीद एजैंसियों के इंस्पैक्टरोें ने भी खरीद करने से मना कर दिया है। सभी खरीद एजैंसियों की सांझा तालमेल कमेटी ने इस मामले में जिला खाद्य और सिविल सप्लाई कंट्रोलर डा. रविन्द्र कौर को पत्र लिख कर अपने इस फैसले से अवगत भी करवा दिया है।
खरीद एजैंसियों के इंस्पैक्टरों और खरीद अधिकारियों का कहना है कि शैलर मालिकों की हड़ताल के कारण इस बार शैलरों को कोई अलाटमैंट नहीं की गई और न ही कोई एग्रीमैंट किया गया है। इसके कारण मंडियों में जो धान की फसल खरीदी जा रही है, उसकी स्टोरेज नहीं हो रही। ऐसे में स्टोरेज न होने के कारण धान की शॉरटेज के लिए कौन जिम्मेदार होगा। सांझा तालमेल कमेटी ने साफ कर दिया गया कि जब तक शैलर मालिकों की हड़ताल नहीं खुलती, तब तक और खरीद नहीं करेंगे और जब शैलर मालिकों की हड़ताल खुल जाती है तो फिर उनकी तरफ से खरीद शुरू कर दी जाएगी। यहां यह भी जिक्रयोग है कि आढ़तियों की तरफ से भी यह कह दिया गया था कि जितना माल खरीदा जाएगा, उसकी स्टोरेज के बाद ही वह आगे खरीद करने देंगे, क्योंकि सभी को इस बात का खतरा है कि खरीद के बाद जो शारटेज की कमी होगी उसे कौन सहन करेगा।
यही कारण है कि खरीद एजैंसियों के कर्मचारियों ने खरीद करने से न कर दी। यहां यह वर्णनयोग है कि शैलर मालिकों की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही और शैलर मालिकों की तरफ से आज भी अलाटमैंट के लिए अपने दस्तावेज नहीं दिए गए, जिसके कारण स्थिति जैसे वैसे बनी रही। खरीद एजैंसियों के इंस्पैक्टरों और खरीद अधिकारियों के इस फ़ैसले के साथ सरकार की तरफ से जो धान की खरीद शुरू करने के दावे किए जा रहे थे, वह भी हवा हवाई साबित हुए और इसका नतीजा यह निकला कि सरकार की तरफ से पिछले 2 दिनों से मंडियों में अधिकारियों को भेज कर खरीद करने के दावे किए जा रहे थे, वह अधिकारी भी आज मंडियों में नजर नहीं आए। आज मंडियों में सिर्फ किसान अपनी फसलें लेकर पूरा दिन खरीद करने वालों का इंतज़ार करते रहे और शाम तक कोई भी मंडियों में नहीं पहुंचा। इधर मंडियों में धान की आमद तेजी के साथ हो रही है और यदि यही हालात रहे तो अगले 2-3 दिनों में मंडियों में धान की फसल रखने को जगह नहीं बचेगी।