Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Nov, 2021 02:07 PM

सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) पंजाब फ्रंटियर की आईजी सोनाली मिश्रा ने बी.एस.एफ. के अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद इस मुद्दे पर पहली बार प्रैस वार्ता की। प्रैस कांफ्रेंस दौरान उन्होंने बताया कि आई.जी. बनने के बाद पहली बार वह मीडिया से रूबरू हुई हैं।...
चंडीगढ़ : सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) पंजाब फ्रंटियर की आईजी सोनाली मिश्रा ने बी.एस.एफ. के अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद इस मुद्दे पर पहली बार प्रैस वार्ता की। प्रैस कांफ्रेंस दौरान उन्होंने बताया कि आई.जी. बनने के बाद पहली बार वह मीडिया से रूबरू हुई हैं। उन्होंने कहा कि बी.एस.एफ. के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया है लेकिन पंजाब पुलिस के अधिकारों में कोई कटौती नहीं की गई। उन्होंने बताया कि हमारी अहम जिम्मेदारी सीमा के नजदीक रह रहे लोगों को सुरक्षा मुहैया करवाना है। इसके साथ ही सीमापार अपराधों जैसे कि ड्रग की तस्करी, हथियारों की तस्करी को रोकना है। पिछले 2-3 सालों से इन अपराधों को रोकना थोड़ा-सा मुश्किल होने लगा है। खासकर ड्रोनों का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। इस वर्ष अभी तक 45 ड्रोन बॉर्डर पर देखे जा चुके हैं। पाक समगलर इनकी सहायता से हथियार और हेरोइन इस पार भेजते हैं। इतना ही नहीं अपराधों को अंजाम देने के लिए सुरंगों का भी प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1997-98 में पंजाब में पहली सुरंग का पता चला था। इसके बाद 2003 तक कोई नई सुरंग नहीं पाई गई थी। उन्होंने बताया कि दोनों और के तस्कर इन सुरंगों का इस्तेमाल करते थे।
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उन्होंने आगे बताया कि पुलिस अपना काम पेशेवर ताकत के रूप में करती है। वह अपने वॉरियर्स को हर हालात से लड़ने के लिए ट्रेनिंग देती है ताकि बॉर्डर की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक 387 किलो ड्रग्स जिसमें ज्यादातर हेरोइन है, 55 हथियार और 77 घुसपैठियों को पकड़ा है। इसके इलावा उन्होंने इस वर्ष 6 पाक तस्करों को मार गिराया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर उनके द्वारा राज्य पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों, मुख्य रूप से एन.सी.बी. के साथ संयुक्त अभियान चलाए हैं। इन अभियानों के तहत उन्हें काफी सफलता भी हासिल हुई। जब भी कोई ड्रोन बॉर्डर के नजदीक उड़ता दिखाई देता तो सुरक्षा को और बढ़ा दिया जाता था। ज्वाइंट पेट्रोलिंग, ज्वाइंट नाका, सर्च ऑपरेशन आदि चलाए जाते थे ताकि सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके।
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उन्होंने बताया कि बी.एस.एफ. जब भी ड्रोन की हलचल देखता था तो तुरंत पुलिस को या अन्य सुरक्षा एजैंसियों को सूचना देता था। इसके बाद उस एरिया के आसपास विशेष नाकाबंदी की जाती थी, सर्च ऑपरेशन चलाए जाते थे। इस सबके बीच टैक्नोलॉजी के साथ-साथ मैन पावर का भी पूरा साथ लिया जाता था। उन्होंने कहा कि 1969 अधिसूचना के अनुसार बी.एस.एफ. के लिए विभिन्न अधिनियम लागू किए गए और साथ ही उनका अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर तक का कर दिया गया। 1969 के बाद से बी.एस.एफ. 15 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन इस साल अधिनियमों में कोई बदलाव न होने के साथ-साथ उनके अधिकार क्षेत्र को बढ़ा कर 50 किलोमीटर तक कर दिया गया। आई.जी. ने बताया कि बी.एस.एफ. ने पुलिस और बाकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजैंसियों के साथ मिलकर बहुत अच्छा काम किया है लेकिन वह कोई पुलिस संगठन नहीं है। इसलिए उनके पास न तो एफ.आई.आर. दर्ज करने का अधिकार है और न ही किसी को सजा देने का अधिकार है। यदि बॉर्डर पर उन्हें कोई हलचल महसूस होती है तो वे पुलिस या सुरक्षा एजैंसियों की सहायता लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाक तस्करों के साथ पुलिस का कोई संबंध नहीं है और पंजाब पुलिस किसी भी तरह से इन तस्करियों में शामिल नहीं है।
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