पंजाब पानी के मुद्दे पर सदन में गरजे CM Mann, BBMB पर भी साधा निशाना

Edited By Urmila,Updated: 05 May, 2025 04:57 PM

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पंजाब विधानसभा में पानी के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पानी कोई 2-3 साल पुराना मुद्दा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार शुरू से ही पंजाब को धकेलती आ रही है।

पंजाब डेस्क: पंजाब विधानसभा में पानी के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पानी कोई 2-3 साल पुराना मुद्दा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार शुरू से ही पंजाब को धकेलती आ रही है। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हरित क्रांति के दौरान पंजाब ने देश के भंडार भर दिए, लेकिन इसका पता तब चला जब हमारा भूमिगत जल खत्म हो गया और हरित क्रांति उन्हें महंगी पड़ गई। उन्होंने कहा कि चावल उनका भोजन नहीं है, लेकिन वह देश के लिए चावल बीज रहे हैं। 9 गोविंद सागर झीलों जितना पानी वह धान की एक जमीन दौरान नीचे से निकाल लेते हैं। जिस गहराई से आज मालवा में पानी निकाला जा रहा है उसे गहराई से साउदी अरब वाले तेल निकाल रहे हैं और बोरवेलों का पानी गर्म निकल रहा है।

यहां तक कि मछली मोटरें भी जवाब दे चुके हैं, अब इससे आगे कहां चले जाएं? मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे पास पाइपों की कमी है और उन्होंने बेंगलुरु से पाइप मंगवाए हैं। उन्हें पिछली सरकारों की गलतियों की कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने फिर से सुए और कस्सियां को दोबारा चलाया है। आज नहरों का पानी 60 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग हो चुका है और उन्होंने किसी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने 2014-15 में 70 प्रतिशत पानी का उपयोग किया और अब 2024-25 में 91 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रातों-रात बी.बी.एम. की बैठक बुलाई गई और पंजाब के साथ धक्का किया गया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि वह किसके साथ है। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि पानी का रक्षक तो भाजपा में है।

प्रताप सिंह बाजवा के साथ तीखी बहस

सदन में बोलते समय मुख्यमंत्री मान की प्रताप सिंह बाजवा से तीखी बहस हो गई। मुख्यमंत्री ने जब एक कहावत का हवाला देकर प्रताप सिंह बाजवा पर निशाना साधा तो प्रताप सिंह बाजवा भड़क गए और कहने लगे कि सदन में पानी पर चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उन्हें पानी पर बोलने दें तो बोलूं। 

बी. बी. एम. बी. पुर्नगठन की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि बी.बी.एम.बी. को रावी, सतलुज, ब्यास और भाखड़ा से संबंधित बनाया गया है तथा इसका हरियाणा और राजस्थान से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इनके पास वोट हैं। उन्होंने कहा कि सारा खर्च वह देते हैं और अधिकारी भी पंजाब केडर का वेतन लेते हैं, इसे खत्म किया जाना चाहिए। वह अपने दरियाओं की आप ही रक्षा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. का पुनर्गठन किया जाना चाहिए क्योंकि स्थिति अब पहले जैसी नहीं रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने आर. डी.एफ. का पैसा रोक रखा है और रोज नये-नये फरमान जारी कर रहे हैं।  बी.बी.एम.बी. का पुर्नगठन करें वह अपने दरियाओं की खुद ही राखी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. में  अभी भी अफसर बदले जा रहे हैं। अभी एक घंटे पहले अफसर बदला है। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. ने रातों रातो मीटिंग करके चेयरमैन बदला था वह उसे अवैध मानते हैं। अगर मीटिंग अवैध है तो फैसला भी अवैध है। इसके लिए एक महीने का नोटिस, एमरजेंसी में 7 घंटे का नोटिस देना होता है। उन्होंने कहा कि हर 25 साल बाद एक लॉ होना चाहिए जिससे बदलाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी भी चाहिए और मक्की, जौ, चावल सब चाहिए वह क्या वह गेहूं गमले में बीज लें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रेम से संवाद करना नहीं सीखा है।

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