पंजाब में बिजली संकट का जल्द हल न हुआ तो उघोग जगत हो जाएगा बर्बाद, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम

Edited By Vatika,Updated: 06 Jul, 2021 04:08 PM

if the power crisis in punjab is not resolved soon

कोरोना महामारी के कारण पहले से ही कई मुसीबतों को झेल रहा पंजाब का उघोग जगत वर्तमान में प्रदेश में अचानक पैदा हुए बिजली के

फगवाड़ा (जलोटा): कोरोना महामारी के कारण पहले से ही कई मुसीबतों को झेल रहा पंजाब का उघोग जगत वर्तमान में प्रदेश में अचानक पैदा हुए बिजली के गंभीर संकट को लेकर पूरी तरह से सकते में है। आलम यह है कि उघोगपति यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस संकट से वह अपने कारोबार और खुद को कैसे बचा पाएंगे। पंजाब केसरी से वार्तालाप के दौरान फगवाड़ा सहित पंजाब के कई बड़े उघोगपतियों ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि यदि कैप्टन सरकार द्वारा राज्य में जारी विधुत संकट का अब समय रहते बनता ठोस समाधान नहीं किया तो वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं है जब उनको पक्के तौर पर अपनी फैक्ट्ररियों,औघोगिक इकाईयों,एक्सपोर्ट युनिटों आदि की तालाबंदी करनी पड़ेगी।

इसका प्रभाव फगवाड़ा,जालंधर,गोराया,लुधियाना,होशियारपुर,अमृतसर,बटाला आदि हर उस शहर,कस्बे में होगा जहां पर औघोगिक इकाईयां कार्यरत है क्योंकि यह सारा मामला आपस में कहीं न कहीं पर सप्लाई चेन से ही जुड़ा हुआ है। उन्होनें कहा कि वह समझते हैं कि बिजली के संकट में पंजाब सरकार के कई मजबूरियां हैं लेकिन हालात की कड़वी सच्चाई यह भी है कि यदि वह अपनी फैक्ट्ररियों आदि में प्रोडक्शन के अनुसार उत्पादन नहीं कर पाएंगे तो उनको बड़ा वितिए घाटा होगा। इसके कारण जहां उनके द्वारा कड़ी मेहनत कर प्राप्त किए गए लाखों करोड़ो रूपए के एक्सपोर्ट के आर्डर रद्द हो जाएंगे वहीं घरेलू स्तर पर भी उनको भारी क्षति होगी। यदि ऐसा होगा तो इससे पंजाब भर में बंद होने वाली औघोगिक ईकाइयों के कारण बहुत बड़े स्तर पर बेरोजगारी बढ़ेगी जिसके परिणाम स्वरूप यहां पर कार्य करने वाले गरीब मजदूरों सहित सप्लाई चेन में हिस्सा बने हुए छोड़े व मध्यम स्तर के सभी सहायक  युनिट आदि आर्थिक संकट के न खत्म होने वाले दुष्चक्र में फंस जाएंगे।

कुछ उघोगपतियों ने कहा कि जिस प्रकार पंजाब सरकार ने कई बड़ी औघोगिक इकाईयों आदि में बिजली का प्रयोग करने पर नए सिरे से सख्त पाबंदियों को लागू किया है वह असहनीय है। उन्होनें कहा कि वह सभी पंजाब सरकार से यह पुरजोर अपील और मांग करते हंै कि प्रदेश में बिजली की ज्यादा खपत करने वाली बड़ी इंडस्ट्ररी को इन पाबंदियों से राहत दी जाए। बिजली संकट के जारी दौर में औघोगिक युनिटों को इनके तयशुदा बिजली लोड़ का कम से कम पचास फीसदी प्रयोग करने हेतु छूट प्रदान की जाए। यदि ऐसा होगा तो कम से कम प्रदेश में असंख्य औघोगिक युनिट पूरी तरह से बंद होने से बच जाएंगे और यहां पर कुछ हद तक उत्पादन होता रहेगा। कुछ उघोगपतियों ने कहा कि कैप्टन सरकार को तुरंत अन्य स्रोत साधनों से बिजली की खरीद कर पंजाब में उघोग जगत को बचाना चाहिए। उन्होनें कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इसके बेहद गंभीर परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिलेगें। इसके बाद आर्थिक संकट और बेरोजगारी किस हद तक हैरान परेशान करेगी इसकी कल्पना करनी भी कठिन होगी।

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