Edited By Tania pathak,Updated: 29 Nov, 2020 11:05 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जब तक किसानों से माफी नहीं मांगते तब तक वह खट्टर से बात नहीं करेंगे...
चंडीगढ़/जालंधर (अश्वनी, धवन) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जब तक किसानों से माफी नहीं मांगते तब तक वह खट्टर से बात नहीं करेंगे। खट्टर को किसानों व पंजाबियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि हरियाणा सरकार ने दिल्ली जा रहे किसानों पर अत्याचार किए हैं, जिसे पंजाब सहन नहीं करेगा।
खट्टर द्वारा अमरेन्द्र पर किसानों को भड़काने के लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए अमरेन्द्र ने कहा कि उन्होंने किसानों को नहीं भड़काया। अमरेन्द्र ने कहा कि किसान पिछले 60 दिनों से पंजाब में आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान पंजाब को 43 हजार करोड़ का नुक्सान भी झेलना पड़ा परन्तु इसके बावजूद पंजाब सरकार ने किसानों पर कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की।
कैप्टन ने कहा कि पंजाब में तो कानून व्यवस्था की कोई समस्या पैदा नहीं हुई फिर हरियाणा में जाकर हालात क्यों खराब हो गए। इस बारे खट्टर ही कुछ बेहतर बता सकते हैं। हरियाणा सरकार को देखना चाहिए था कि किसानों को शांतमय ढंग से दिल्ली जाने दिया जाता। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की गल्ती से ही हालात बिगड़े हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में किसानों को दिए गए स्थान पर शिफ्ट करने की शिष्टाचारक अपील को स्वीकार करें जिससे इन मुद्दों पर जल्द बातचीत करके इनका समाधान करने का रास्ता साफ हो सके। मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों को लेकर पैदा हुए गतिरोध को हल करने के लिए केंद्र सरकार को सहयोग देने की पेशकश की है। अगर केंद्र सरकार पंजाब को इस समस्या का समाधान करने के लिए शामिल करती है तो हम उसमें पूरा सहयोग देंगे।
राज्यपाल न तो कृषि संशोधन बिलों को मंजूरी दे रहे हैं और न ही राष्ट्रपति के पास भेज रहे हैं
कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल को राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से कृषि संशोधन बिल पास करके भेजे हैं परन्तु राज्यपाल न तो उन्हें मंजूर कर रहे हैं और न ही उन्हें राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज रहे हैं।