Edited By Subhash Kapoor,Updated: 07 Oct, 2024 12:59 AM
देशभर में नवरात्रों का पर्व चल रहा है और नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा अर्चना की जाती है। इस तरह से कल पांचवा नवरात्रा है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंद माता की पूजा की जाती है। ये मां दुर्गा का पांचवा रूप है। मान्यता है कि...
पंजाब डैस्क : देशभर में नवरात्रों का पर्व चल रहा है और नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा अर्चना की जाती है। इस तरह से कल पांचवा नवरात्रा है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंद माता की पूजा की जाती है। ये मां दुर्गा का पांचवा रूप है। मान्यता है कि देवी स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति संतान सुख की प्राप्ति होती है। स्कंदमाता का वाहन सिंह है। शेर पर सवार होकर माता दुर्गा अपने पांचवें स्वरुप स्कन्दमाता के रुप में भक्तजनों के कल्याण करती हैं।माता स्कंदमाता को आमतौर पर चार हाथों वाली देवी माना जाता है, जो अपनी गोद में शिशु कार्तिकेय को पकड़े हुए हैं. वह शेर की सवारी करती हुई दिखाई देती हैं. मां स्कंदमाता अपने अनुयायियों को धन, बुद्धि और मोक्ष प्रदान करती हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा करने का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग स्कंदमाता की पूजा करते हैं उन्हें शक्ति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां तक कि अज्ञानी भी उनसे ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। जो लोग निस्वार्थ भाव से उनकी पूजा करते हैं, वे जीवन में सफल होते हैं और धन अर्जित करते हैं। बता दें कि देश भर में 3 अक्तूबर से नवरात्रों का पर्व शुरू है और यह 12 अक्तूबर तक चलेंगे।
स्कंदमाता की पूजा विधि
1. सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
3. गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे चौकी पर रखें।
4. स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाकर नैवेद्य अर्पित करें।
5. धूप-दीपक से मां की आरती और मंत्र जाप करें।
6. सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां को केले का भोग लगाएं।
स्कंदमाता का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥