Edited By Tania pathak,Updated: 01 Dec, 2020 01:35 PM
थैलीसीमिया से पीड़ित चार बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ग्रसित ख़ून देकर ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया है...
बठिंडा (वर्मा): थैलीसीमिया प्रभावित बच्चे को एचआईवी खून चढ़ाने के मामले में जांच को तेज करने के लिए सेहत मंत्री ने सिविल सर्जन को निर्देश जारी करने और रिपोर्ट करने के लिए कहा। सिविल सर्जन अमरीक सिंह ने ब्लड बैंक जा कर कई घंटों की गहराई के साथ जांच की, यहां तक की खून दान और ख़ून जारी करने की प्रक्रिया की भी गहराई से जांच की। लॉकडाउन दौरान खूनदान करने वालों की तरफ से दिए खून की जांच भी की जा रही है। अब तक 15 लोगों के सैंपल लिए गए हैं परन्तु सेहत विभाग ने रिपोर्ट का खुलासा करने से इंकार कर दिया।
थैलीसीमिया से पीड़ित चार बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ग्रसित ख़ून देकर उनकी ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया है और कई विवाद के कारण अस्पताल ने रिपोर्ट जारी करने से गुरेज़ करना शुरू कर दिया। अस्पताल ने 8-12 साल के बच्चों को ग्रसित ख़ून दिया गया था जो बिना जांच जारी किया गया था।
पहले बच्चो की जांच अनुसार चार व्यक्तियों को नौकरी से निकाल दिया गया है, जबकि तीन मामले अभी विचार अधीन हैं। 3 अक्तूबर को सीनियर एमएलटी बलदेव को थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे को खून चढ़ाने के मामले में आरोपी ठहराए जाने के बाद पुलिस कार्यवाही अधीन जेल भेज दिया गया था।