Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Oct, 2024 05:56 PM
सेहत विभाग की टीम ने आज नवांशहर में विभिन्न निजी अल्ट्रासाऊंड स्कैन सैंटरों की औचक जांच की। सिविल सर्जन के दिशा निर्देशों के तहत की गई कार्रवाई संबधी जानकारी देते हुए डा.अग्रवाल ने बताया कि जांच के दौरान स्कैन सैंटरों के रिकार्ड को गहराई से जांचा...
नवांशहर : सेहत विभाग की टीम ने आज नवांशहर में विभिन्न निजी अल्ट्रासाऊंड स्कैन सैंटरों की औचक जांच की। सिविल सर्जन के दिशा निर्देशों के तहत की गई कार्रवाई संबधी जानकारी देते हुए डा.अग्रवाल ने बताया कि जांच के दौरान स्कैन सैंटरों के रिकार्ड को गहराई से जांचा गया। सिविल सर्जन का कहना है कि अल्ट्रासाऊंड स्कैनों की निरन्तर जांच की जा रही है तांकि कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म किया जा सके। वहीं सेहत विभाग की इस दबिश से अन्य स्कैंनिंग सैंटरों में भी हड़कंप मच गया।
उन्होंने बताया कि एक्ट का मुख्य मंतव्य भ्रूण के लिंग निर्धारण पर प्रभावशाली ढंग से नियंत्रण लगाना है जिसके लिए पंजाब सरकार की ओर से स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने बताया कि जिले में उक्त एक्ट को पूरी सखती से लागू किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति एक्ट की उलंघना करते हुए पकडा गया तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। गर्वस्था में लिंग जांच करना तथा करवाना दोनों अपराध है। इस अपराध में शामिल डाक्टर से लेकर जांच करने तथा करवाने वाले को बराबर का दोषी माना गया है तथा अपराध सिद्ध होने पर न्यूनतम 3 वर्ष की कैद का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सेहत विभाग कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए पुरी तरह से गंभीर है।