Edited By Kamini,Updated: 06 Aug, 2025 07:16 PM

मिली जानकारी के अनुसार, एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई है।
लुधियाना (सहगल): राजस्थान से सप्लाई हो रहा खोया बरामद किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने लुधियाना बस स्टैंड के पास राजस्थान से आ रही एक बस को रोककर उसमें से लगभग 500 किलोग्राम खोया और बड़ी मात्रा में सोन पापड़ी व रसगुल्ले बरामद किए हैं। यह दूध से बने उत्पाद और मिठाइयां त्योहारी सीजन के मद्देनजर लुधियाना के विभिन्न स्थानों पर सप्लाई के लिए लाई जा रही थीं। फिलहाल आशंका के मध्येनजर खोया रसगुल्ला और सोन पापड़ी के 5 सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 6 अगस्त की सुबह यह कार्रवाई की है। टीम ने बस की जांच करने पर पाया कि ये खाद्य पदार्थ ऐसे हालातों में रखे गए थे जो उनकी गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते थे। डॉ. अमरजीत कौर ने बताया, “हमें विश्वसनीय सूचना मिली थी कि राजस्थान से लुधियाना मिलावटी और संभवतः असुरक्षित खाद्य सामग्री लाई जा रही है। हमारी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरा माल जब्त कर लिया, इससे पहले कि इसे त्योहारी सीजन में बाजार में बेचा जाता। हमारे लिए नागरिकों की सेहत और सुरक्षा सर्वोपरि है।”
जब्त किए गए खोये, सोन पापड़ी और रसगुल्ले को स्थानीय मिठाई दुकानों और भोजनालयों में सप्लाई किया जाना था। बरामद किए गए माल के नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिए गए हैं ताकि उनकी गुणवत्ता और मिलावट की जांच की जा सके। त्योहारी मांग को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने लुधियाना और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी और सख्ती बढ़ा दी है। यदि कोई व्यक्ति या व्यवसाय असुरक्षित खाद्य सामग्री के वितरण या बिक्री में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी खाद्य कारोबारियों से अपील की है कि वे खाद्य सुरक्षा दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करे स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें कोई संदिग्ध या अनहाइजीनिक खाद्य सामग्री मिले तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
जांच हो रही 25 प्रतिशत
जिला स्वास्थ्य विभाग के फूड विंग में 4 फूड सेफ्टी अफसर तैनात है हालांकि यह संख्या जिले के हिसाब से काफी कम है परंतु विभाग द्वारा फूड सेफ्टी विंग को एक गाड़ी दी गई है। ऐसे में एक फूड सेफ्टी अफसर अपने ही इलाके में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए जाता है तो शेष 3 फूड सेफ्टी अफसर या तो हाथ पैर हाथ धरे बैठे रहते हैं या फिर उसी के साथ उसी के इलाके में चले जाते हैं। लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग फूड सेफ्टी अफसरो को अपनी गाड़ी का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दे और उसके बदले में उन्हे पेट्रोल दे दे तो इससे न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का खर्चा बचेगा बल्कि खाद्य पदार्थों की जांच का कार्य 4 गुना हो जाएगा। अगर यह भी स्वीकार न हो तो फूड सेफ्टी अफसरो को मौके पर कैब बुक करने का अधिकार दे दिया जाए। इससे न सिर्फ उनके दौरे की मॉनीटरिंग भी हो जाएगी और फूड सैंपल की जांच का कार्य भी चार गुना तेजी से चलेगा।
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