Edited By Kamini,Updated: 29 Mar, 2022 08:01 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार से एम्स बठिंडा ट्रॉमा सेंटर में 300 बेड की सुविधाओं............
चंडीगढ़ (ब्यूरो) : पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार से एम्स बठिंडा ट्रॉमा सेंटर में 300 बेड की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक फंड जारी करने की स्वीकृति देने का अनुरोध किया गया था। बादल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पवार को अवगत कराया कि एम्स बठिंडा में आपातकालीन ब्लॉक केवल 30 आपातकालीन मामलों को संभालने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में अन्य सभी एम्स संस्थानों में ट्रॉमा और आपातकालीन मामलों के लिए 200 से 300 बेड उपलब्ध कराए जाएंगे।
हरसिमरत बादल ने कहा कि चूंकि मालवा क्षेत्र में कोई अन्य प्रमुख ट्रॉमा सेंटर नहीं है, इसलिए एम्स के ट्रॉमा सेंटर को 300 एमरजैंसी मामलों को संभालने के लिए अपग्रेड किया जाना चाहिए। इसमें ट्रोमा और एमरजैंसी ब्लॉक होना चाहिए। बादल ने कहा कि नए नियमों के अनुसार प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के लिए एक आपातकालीन चिकित्सा विभाग और एक कौशल प्रयोगशाला होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दोनों सुविधाओं के लिए आवश्यक धनराशि के अलावा इस संस्थान के लिए आवश्यक उपकरण और सुपर स्पेशियलिटी पद भी स्वीकृत किए जाएं।
बादल ने केंद्रीय मंत्री के ध्यान में यह भी लाया कि सभी एम्स वर्तमान में उचित दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं और डायगनोस्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को दवाईओं के लिए खरीद और जांच लैबोरेटरी की स्थापना पर विचार करना चाहिए जैसा कि टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई द्वारा किया जाता है और उन्हें एम्स सुविधाओं के लिए लागू किया जाता है। हरसिमरत बादल ने यह भी बताया कि कैसे एम्स बठिंडा स्टाफ की कमी का सामना कर रहा है और 750 बिस्तरों वाले अस्पताल के अनुसार सीनियर और जूनियर रेजिडेंट के पद स्वीकार किए जाने चाहिए। मरीजों की देखभाल विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी विभागों के कामकाज पर निर्भर करती है और उन्हें तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए।
बैठक में यह भी बताया गया कि एम्स बठिंडा में फैकल्टी के लिए केवल 22 हाउसिंग यूनिट हैं जबकि फैकल्टी पर्याप्त आवास के लिए संघर्ष कर रही थी। स्वास्थ्य मंत्री से परियोजना की कीमत पर शेष आवासीय सुविधाओं के निर्माण की स्वीकृति देने का अनुरोध किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि 100 एम.बी.बी.एस., 50 एम.डी., एम.एस. पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों और 69 बी.एस.सी. नर्सिंग के लिए शैक्षणिक सत्र पहले ही शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि एम्स बठिंडा में बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं और यहां रोजाना 1500 मरीजों की ओ.पी.डी. होती है। बैठक में एम्स बठिंडा के कार्यकारी निदेशक डॉ. डी.के. सिंह भी मौजूद थे।
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