Edited By Urmila,Updated: 21 Mar, 2023 01:11 PM

जी.एन.ए. विश्वविद्यालय के अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ ने "अकादमिक लेखन" पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
फगवाड़ा (जलोटा): जी.एन.ए. विश्वविद्यालय के अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ ने "अकादमिक लेखन" पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का आयोजन शिक्षकों, शोधार्थियों, स्नातकोत्तर और स्नातक स्तर के छात्रों के लिए किया गया था। पहले दिन की शुरूआत पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अंतर्राष्ट्रीय छात्र मामलों की डीन और अंग्रेजी में प्रोफेसर डॉ. दीप्ति गुप्ता ने की। उन्होंने मैपिंग, प्रकार, मापदंडों और अकादमिक लेखन के महत्व पर सत्र लिया। यह अच्छी तरह से सूचित और एक सराहनीय सत्र था।
कार्यशाला के दूसरे दिन एम.सी.एम. डी.ए.वी. कॉलेज, चंडीगढ़ की सहायक प्रोफेसर डॉ. अपरा शर्मा ने छात्र वर्ग को संबोधित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को लेखन कौशल और अकादमिक लेखन की पूरी प्रक्रिया में सुधार के लिए चिंता के क्षेत्रों के बारे में परिचित कराया। डॉ. नीरज पुरी, सहायक डीन, अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ ने अपनी टीम के साथ कार्यशाला का समन्वय किया और सत्र के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
प्रो. चांसलर गुरदीप सिंह सिहरा ने इस तरह की दिलचस्प और सूचनात्मक कार्यशालाओं के माध्यम से अनुसंधान को गुणवत्ता तक ले जाने के लिए अनुसंधान प्रभाग के प्रयासों की सराहना की। डॉ. मोनिका हंसपाल ने कहा कि गुणवत्ता के मामले में अनुसंधान को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए जी.एन.ए. विश्वविद्यालय के प्रसाय सराहनीय हैं और इसे इसी तर्ज पर संबंधित विभाग की टीम आगे भी जारी रखेगी। इस मौके पर अनेक गण्यमान्य मौजूद थे।
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