Edited By Kalash,Updated: 05 Mar, 2024 12:06 PM
नगर निगम के मेन ऑफिस के बाद एम.पी. रवनीत बिट्टू के खिलाफ कारकस यूटीलाईजेशन प्लांट को ताला लगाने के मामले में भी एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है
लुधियाना (हितेश): नगर निगम के मेन ऑफिस के बाद एम.पी. रवनीत बिट्टू के खिलाफ कारकस यूटीलाईजेशन प्लांट को ताला लगाने के मामले में भी एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है। यहां बताना उचित होगा कि बिट्टू द्वारा 27 फरवरी को पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान माता रानी चौक स्थित नगर निगम के मेन ऑफिस को ताला लगा दिया गया था। इस मामले में नगर निगम द्वारा एक चौकीदार के जरिए बिट्टू के साथ पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, पूर्व विधायक संजय तलवार व 60 अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है।
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इसके बाद से बिट्टू के खिलाफ 25 जनवरी को कारकस यूटीलाईजेशन प्लांट को ताला लगाने के मामले में भी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत गोगी द्वारा भी साईट विजिट करने के बाद प्रशासन से सिफारिश की गई है हालांकि इस मामले में कार्रवाई के लिए नगर निगम द्वारा उसी दिन डी.सी. व पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेज दी गई थी। लेकिन किसानों के विरोध से जुड़ा मामला होने की वजह से पुलिस - प्रशासन द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अब बिट्टू द्वारा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद कारकस यूटीलाईजेशन प्लांट को ताला लगाने के मामले में भी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके संकेत मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कांग्रेसियों को बाहर जाने से रोकने के लिए विधानसभा को अंदर से ताला लगाने की बात कहने के मुद्दे पर हो रहे हंगामे के बीच बिट्टू द्वारा नगर निगम के मेन ऑफिस को ताला लगाने का जिक्र करके दिया गया है।
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एन.जी.टी. के निर्देश से जुड़ा हुआ है मामला
नगर निगम द्वारा कारकस यूटीलाईजेशन प्लांट का निर्माण सतलुज दरिया में प्रदूषण की वजह बन रही हड्डा रोडी को हटाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी निर्देश को लागू करने के लिए किया गया है लेकिन किसानों के विरोध के चलते दो साल बाद भी यह प्रोजेक्ट चालू नहीं हो पाया है। इस संबंध में एन.जी.टी. में रिपोर्ट पेश करने के लिए नगर निगम द्वारा लोगों की सहमति के साथ प्लांट का ट्रायल किया गया था। इसके बाद गांव के लोगों ने फिर धरना लगा दिया गया, जिनके समर्थन में बिट्टू द्वारा 25 जनवरी को प्लांट को ताला लगा दिया गया। इसके बाद डी.सी. द्वारा गांव के लोगों के साथ मीटिंग करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसे लेकर आगामी दिनों के दौरान एन.जी.टी. में होने वाली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट पेश की जाएगी।
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