Edited By Kamini,Updated: 28 Apr, 2024 03:19 PM
सूचना मिलने पर विजिलेंस विभाग द्वारा मामले में कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है विजिलेंस द्वारा पीडब्लयूडी के मुलाजिमों को रिकार्ड के साथ तलब किया गया है, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
लुधियाना (हितेश) : पीडब्ल्यूडी विभाग में स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की फीस के गबन को लेकर विजिलेंस कार्रवाई कर सकती है। इस मामले में पंजाब केसरी द्वारा खुलासा किया गया है कि प्राइवेट स्कूलों को एफिलिएशन रिन्यू करवाने के लिए पीडब्लयूडी विभाग द्वारा जो स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, उसके बदले में कवरेज एरिया के हिसाब ली जाती 5 से 20 हजार तक की फीस को खजाने में जमा करवाने की बजाय कुछ मुलाजिमों द्वारा हजम कर लिया गया है।
जिसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग की प्रोवेंशल डिवीजन के मुलाजिमों द्वारा टेंपरिंग करके स्कूलों को फर्जी रसीदें जारी की गई हैं, लेकिन यह घोटाला सामने आने के बाद जिम्मेदार मुलाजिमों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय एक्सइएन लेवल के अफसरों द्वारा खजाने में फीस जमा करवाने के रूप में मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में सूचना मिलने पर विजिलेंस विभाग द्वारा मामले में कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है विजिलेंस द्वारा पीडब्लयूडी के मुलाजिमों को रिकार्ड के साथ तलब किया गया है, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के एसई हरिन्द्र सिंह ढिल्लों द्वारा प्रोवेंशल डिविजन के एक्सइएन रंजीत सिंह को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की फीस खजाने में जमा न करवाने का सख्त नोटिस लिया गया है। इसे लेकर 2 दिन के भीतर डिटेल रिपोर्ट देने को कहा गया है, जिसमें अब तक स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने के बदले में की गई फीस की वसूली का ब्यौरा दर्ज करने के लिए बाकायदा प्रोफार्मा भी जारी किया गया है।
इस मामले में भले ही अब तक अकाउंट ब्रांच के 2 कर्लकों का नाम सामने आया है, लेकिन 2 एसडीओ की भूमिका की भी चर्चा हो रही है।
क्योंकि स्कूलों को स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में ऑनलाइन चालान जनरेट करने के बाद ऑनलाइन ही फीस जमा करवाने का नियम होने के बाद मुलाजिमों द्वारा नकद फीस हासिल करके फर्जी रसीद जारी करने के रूप में की गई धांधली को कई अफसरों ने नजरअंदाज कर दिया। जिसके बदले में मिलने वाली मोटी रकम का हिस्सा एसडीओ व अन्य अफसरों तक पहुंचता है, जिन पर विजिलेंस जांच के दौरान गाज गिर सकती है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here