Edited By Kalash,Updated: 08 Jun, 2024 11:57 AM
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जालंधर लोकसभा चुनावों के दौरान वैस्ट विधानसभा हलका के विधायक शीतल अंगुराल द्वारा अपना इस्तीफा देने और विधानसभा स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार कर लेने के बाद हलके में उपचुनाव होने तय है।
जालंधर : जालंधर लोकसभा चुनावों के दौरान वैस्ट विधानसभा हलका के विधायक शीतल अंगुराल द्वारा अपना इस्तीफा देने और विधानसभा स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार कर लेने के बाद हलके में उपचुनाव होने तय है। यह चुनाव अगले 6 महीनों के भीतर होने की संभावना है जिसको लेकर कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवर भी खासे सक्रिय हो गए हैं और वे टिकट हासिल करने को लेकर पार्टी पर दबाव बनाने की खातिर अभी से जाति समीकरण बिठाने में जुट गए हैं।
जिक्रयोग्य है कि वैस्ट हलका सीट रिजर्व कोटे में है और यहां केवल दलित समुदाय से संबंधित उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकते हैं। विगत लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की 1.75 लाख मतों से ज्यादा हुई जीत के कारण कांग्रेसियों में चुनाव लड़ने को लेकर उत्साह अधिक दिख रहा है। इतना ही नही कांग्रेस ने इस हलका में भी 1550 अधिक वोटों से जीत हासिल कर अपना कब्जा जमा लिया है।
विगत 2023 में वैस्ट हलके के इंचार्ज और कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे सुशील रिंकू के कांग्रेस को छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाने से वैस्ट हलका नेतृत्व विहीन हो गया था। लोकसभा उपचुनाव के दौरान हलका इंचार्ज की रेस में कई नेताओं के होने के कारण प्रदेश कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग ने किसी एक नेता के हाथों कमान सौंपने की बजाय खुद हलका में चुनाव प्रचार की कमान संभाले रखी। उपचुनाव के बाद भी कांग्रेस हाईकमान हलका इंचार्ज को लेकर कोई फैसला नहीं कर सकी। लोकसभा 2024 के आम चुनाव दौरान भी चरणजीत चन्नी ने वड़िंग की रणनीति अपनाते हुए खुद इस हलके को लीड किया और इस काम में जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान राजिंदर बेरी को अपने साथ रखा।
लोकसभा चुनाव में वैस्ट हलका से विधायक और जालंधर से सांसद रहे मोहिंदर सिंह के.पी. के अकाली दल मे शामिल हो जाने के बाद हलका के दावेदारों के सामने से एक बड़ा स्तंभ हट गया है। अब रविदास, भगत, वाल्मीकि, भगत बिरादरी सहित अन्य बिरादरियों के नेताओं ने रिजर्व सीट पर अपना जोड़-तोड़ शुरू कर दिया है। नगर निगम की पूर्व मेयर सुरिंदर कौर, जिला कांग्रेस शहरी के वरिष्ठ उपप्रधान पवन कुमार, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी मैंबर विकास संगर, सुदेश कुमार भगत, बलबीर अंगुराल, एडवोकेट बचन लाल सहित कई नेताओं के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। क्या अब कांग्रेस उपचुनाव की घोषणा से पहले किसी एक नेता के हाथ हलके की कमान सौंपेगी अथवा अभी तेल देखो तेल की धार देखो की रणनीति पर काम करेगी, यह तो समय ही बताएगा।
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