Farmer Protest: ट्रेनों की लेट-लतीफी से यात्रियों में मची हाहाकार

Edited By Urmila,Updated: 10 May, 2024 11:08 AM

farmer protest there was uproar among passengers due to late trains

शताब्दी जैसी ट्रेनें डायवर्ट रूट से जालंधर पहुंचने में 5 घंटे तक का अतिरिक्त समय ले रही है। वहीं गरीब रथ, आम्रपाली, सचखंड एक्सप्रैस जैसी कई गाड़ियां 12 से 24 घंटे की देरी से सिटी स्टेशन पर पहुंचती हुई देखी जा रही है।

जालंधर: शताब्दी जैसी ट्रेनें डायवर्ट रूट से जालंधर पहुंचने में 5 घंटे तक का अतिरिक्त समय ले रही है। वहीं गरीब रथ, आम्रपाली, सचखंड एक्सप्रैस जैसी कई गाड़ियां 12 से 24 घंटे की देरी से सिटी स्टेशन पर पहुंचती हुई देखी जा रही है। ट्रेनों की लेट लतीफी के चलते यात्रियों की दिक्कतों में इजाफा हो रहा है और स्टेशनों पर लंबा इंतजार करते हुए यात्रियों के पसीने छूट रहे हैं।

गर्मी की वजह से लोग घरों से बाहर निकलने में गुरेज कर रहे हैं लेकिन ट्रेनों के सफर के लिए जाने वालों को लेट-लतीफी के लिए तैयार होकर घरों से निकलना पड़ रहा है। किसानों द्वारा शंभू बार्डर पर दिए जा रहे धरने की वजह से अंबाला के बाद का रेल ट्रैक बंधित पड़ा है, जिसके चलते ट्रेनों को दूसरे रास्तों के जरिए भेजा जा रहा है। अंबाला से आने वाली गाड़ियों को अंबाला कैंट से चंडीगढ़, न्यू मोरिंडा, सरहिंद, साहनेवाल के रास्ते जालंधर भेजा जा रहा है। इसी तरह से जाने वाली दूसरी ट्रेनों को साहनेवाल, चंडीगढ़, अंबाला कैंट भेजा जा रहा है। इसके अलावा जाखल, धूरी व लुधियाना वाला रूट इस्तेमाल किया जा रहा है।

देरी से आ रही ट्रेनों के क्रम में 12031 स्वर्ण शताब्दी 5.15 घंटे लेट जालंधर पहुंची जिसके चलते अमृतसर जाने वाले यात्रियों को लंबे समय तक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा। इसी तरह से अमृतसर-नई दिल्ली जाने वाली एक्सप्रैस गाड़ी संख्या 12421 करीब 3-4 घंटे लेट रही। 15707 आम्रपाली एक्सप्रैस व 22487 वंदे भारत एक्सप्रैस जैसी महत्वपूर्ण गाड़ियों के लिए यात्रियों को 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसी क्रम में आज भी 150 से अधिक ट्रेनें प्रभावित रही। उक्त पूरा घटनाक्रम यात्रियों की परेशानी का सबब बन रहा है।

स्टेशन के अंदर बाहर परेशान दिख रहे यात्री

ट्रेनों के इंतजार में जगह-जगह यात्रियों को परेशान होते देखा जा सकता है। इसी क्रम में स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म पर यात्री जमीन पर लेटे व बैठे दिख जाते हैं। इसी तरह से स्टेशन के बाहर पार्क में यात्रियों को आराम करते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा स्टेशन की सीढ़ियों व इधर-उधर हर जगह लोगों भटकते हुए देखने को मिल रहे हैं। यात्रियों की रेलवे से मांग है कि उनकी समस्याओं का पक्का समाधान निकाला जाए।

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इंतजार के बाद घरों को वापस लौट रहे कई यात्री

वहीं, कई यात्रियों को परेशानी में घर वापस लौटते हुए देखा गया। जो लोग अपना कार्यक्रम स्थगित कर सकते हैं वह ट्रेनों का इतना लंबा इतंजार करने से गुरेज करते हैं। मोबाइल इत्यादि के जरिए जानकारी जुटाने वाले यात्री समय के मुताबिक घरों से निकलते हैं। वहीं, वृद्ध लोग जो मोबाइल इत्यादि के जरिए ट्रेनों की जानकारी जूटाने में असमर्थ है, उन्हें स्टेशन पर आकर इधर-उधर भटकते देखा जा सकता है।

लड़कियों व बच्चों को अकेले भेजने से डर रहे लोग

आमतौर पर देखने को मिलता है कि लोग 14-15 साल के बच्चे को ट्रेन में बिठा देते है और आगे वाले स्टेशन से परिजन बच्चों को रिसीव कर लेते हैं, लेकिन जब से ट्रेनें लेट होना शुरू हुई, तब से लोग अपने बच्चों को अकेले भेजने में गुरेज करने लगे हैं। अपने बच्चे सिद्धार्थ को छोड़ने आए विकास तिवारी अपने बच्चे को साथ लेकर घर को लौट गए। उन्होंने कहा कि ट्रेनें लेट चल रही है, ऐसे में रास्ते में कोई भी दिक्कत पेश आ सकती है, जिसके चलते वह बच्चे को अकेले भेजने के पक्ष में नहीं है। इसी तरह से कई लोगों ने लड़कियों व बच्चों को अकेले भेजने के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।

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