Edited By Radhika Salwan,Updated: 23 Jun, 2024 03:44 PM
निजी अस्पताल में प्रसव से पहले महिला के अल्ट्रासाउंड संबंधित सही सूचना न देने और अलग-अलग शहरों के अस्पतालों में इस नवजात बच्ची के इलाज करवाने के बावजूद उस की मौत हो जाने से परिवार वाले भड़क गए।
अमृतसर- निजी अस्पताल में प्रसव से पहले महिला के अल्ट्रासाउंड संबंधित सही सूचना न देने और अलग-अलग शहरों के अस्पतालों में इस नवजात बच्ची के इलाज करवाने के बावजूद उस की मौत हो जाने से नाराज भड़के परिजनों ने अस्पताल के बाहर इंसाफ के खातिर विरोध प्रदर्शन किया।
शांति भंग होने की सूचना मिलने पर मजीठा रोड पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत करने की कोशिश की, जबकि परिवार के सदस्यों ने मजीठा रोड पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर रणजीत सिंह को दोषी ठहराते परिवार की महिलाओं सहित अन्य परिवार के सदस्यों के साथ धक्का-मुक्का करते थप्पड़ मारने का आरोप लगाया गया है।
परिवार के सदस्य आर. के. सेठ ने कहा कि छोटी बच्ची के जन्म से पहले इस अस्पताल द्वारा बार-बार अल्ट्रासाउंड किए जाने के बावजूद, परिवार के सदस्यों को बच्ची की उचित स्थिति के बारे में गुमराह किया गया। बच्ची के जन्म के बाद उसके दिल में छेद के अलावा कुछ अन्य बीमारियां भी सामने आईं। उनके परिवार ने बच्ची का इलाज अमृतसर, लुधियाना, दिल्ली, मोहाली समेत कई निजी अस्पतालों में कराया, जिस पर उन्हें करीब 40 लाख रुपये का खर्च आया है।
इन सबके बावजूद उनकी बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी और करीब एक महीने पहले उनकी बच्ची की मौत हो गई। आज जब उनका परिवार अपने वाजिब न्याय के लिए अस्पताल प्रशासन के पास पहुंचा तो दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई। इस दौरान थाना मजीठा रोड के मुख्य इंस्पेक्टर रणजीत सिंह पर मृतक लड़की के पिता के साथ मारपीट करते हुए परिवार की महिलाओं को धक्के देने का आरोप लगाया गया।
इस संबंध में संपर्क करने पर पुलिस स्टेशन मजीठा रोड के प्रमुख इंस्पेक्टर रणजीत सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने के लिए ही उन्होंने परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला था। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले को लेकर सिविल सर्जन से संपर्क कर जल्द ही डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया जायेगा।