Edited By Kamini,Updated: 04 Mar, 2025 03:20 PM

अधिक मोटापा शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो जाता है।
चंडीगढ़ : शरीर में मोटापे को बीएमआई की मदद से मापा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 18-25 का बीएमआई स्वस्थ माना जाता है, 25-30 अधिक वजन है और 30 से अधिक का बीएमआई आपको मोटापे की श्रेणी में डालता है, जो शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो जाता है। PGI के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. संजय भड़ारा ने बताया कि अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड, फास्ट फूड, बाहर का खाना, मांसाहारी भोजन, अधिक मीठा या कोल्ड ड्रिंक पीने तथा अधिक शराब पीने के कारण मोटापा बढ़ रहा है।
इसके अलावा कभी-कभी आनुवंशिक कारणों, हार्मोनल समस्याओं, किसी बीमारी या इलाज की विशेष दवाइयों के दुष्प्रभावों के कारण भी लोगों को मोटापे की समस्या हो सकती है। लेकिन आज यह समस्या अधिक गंभीर होती जा रही है क्योंकि लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। इसके अलावा मानसिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण 2 बड़ी समस्याएं उभर कर सामने आ रही हैं, पहली मोटापा और दूसरी मानसिक बीमारी। दुनिया भर में मोटे बच्चों, किशोरों और वयस्कों की कुल संख्या वर्तमान में एक अरब से अधिक है। भारत में वर्ष 2022 के दौरान 5 से 19 वर्ष की आयु के लगभग 12.5 मिलियन बच्चों में अधिक वजन की समस्या में तेजी से वृद्धि देखी गई।
जिनमें से 7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियां थीं। जबकि 1990 में यह आंकड़ा केवल 0.4 मिलियन था। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर महिलाओं में मोटापे की दर दोगुनी से भी अधिक हो गई है तथा पुरुषों में लगभग 3 गुना हो गई है। डॉ. ने कहा कि मोटापे से ग्रस्त बुजुर्गों में स्लीप एप्निया की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें मरीज के शरीर में वसा बढ़ जाती है, जो शरीर के हर हिस्से में जमा हो जाती है। कभी-कभी गले में अतिरिक्त वसा के कारण रोगियों को सीधे सोने में कठिनाई हो सकती है, जिसके कारण सांस की नली बंद हो जाता है, जिसे स्लीप एप्निया कहते हैं। इसके कारण हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।
PGI पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं और यह देखा गया है कि पिछले कुछ दशकों में मोटापे की व्यापकता काफी बढ़ गई है। पीजीआई मुख्य आहार विशेषज्ञ एवं एच.ओह.डी आहार विज्ञान विभाग से डा. नैंसी साहनी ने कहा कि आज के समय में युवा वर्ग मोटापे की बीमारी से सबसे ज्यादा परेशान है, जो अपने काम में बहुत ज्यादा बैठते हैं और कुछ न कुछ खाते रहते हैं, उनके लिए बहुत जरूरी है कि वे मंचिंग के दौरान पौष्टिक आहार लें और अपनी दैनिक जीवनशैली में टहलना और बात करना जारी रखें ताकि मोटापे की समस्या पर काबू पाया जा सके।
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