Edited By Vatika,Updated: 21 Feb, 2025 12:05 PM
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भारत अभियान के बारे में अवगत कराया, तांकि सही और प्रभावी जानकारी जनता तक पहुंचे।
चंडीगढ़ः शरीर के नाखून और बालों को छोड़कर टी.बी. किसी भी हिस्से में हो सकती है। लोग आज भी इस बीमारी को हल्के में लेते है। इलाज पूरा नहीं होने पर ऐसे में जब लक्षण ज्यादा बढ़ जाते हैं तो दवाएं उनकी जल्दी बीमारी पर असर नहीं डालती।
स्वास्थय विभाग के राज्य टी.बी. अधिकारी डॉ. राजेश कुमार राणा की मानें तो लोगों को छुपाने की जरूरत नहीं है बल्कि आगे आकर टैस्ट और इलाज करवाने की जरूरत है। यह बीमारी किसी एक खास वर्ग की नहीं हैं। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और मोहम्मद अली जिन्ना जैसी बड़ी हस्तियों को भी यह बीमारी हुई, लेकिन सही इलाज से इसे ठीक किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय टीवी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया सैंसिटाइजेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार के 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करना था।
मुफ्त जांच पर प्रकाश डाला
कार्यशाला में वैश्विक, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टी.बी. की वर्तमान स्थिति पर जानकारी सांझा की गई। साथ ही एन.टी.ई.पी. के तहत मुफ्त जांच और उपचार सेवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला गया। स्वास्थ्य विभाग के राज्य टी.बी. अधिकारी डॉ. राजेश कुमार राणा ने 100 दिवसीय गहन टी.बी. मुक्त भारत अभियान के बारे में अवगत कराया, तांकि टी.बी. से जुड़ी सही और प्रभावी जानकारी जनता तक पहुंचे।