Edited By Kalash,Updated: 19 Feb, 2025 06:44 PM
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इस बीमारी का अगर जल्दी इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोगी काफी हद तक ठीक भी हो सकता है।
जालंधर (रत्ता/बी.एन.): पंजाब वासियों पर एक और खतरे की घंटी मंडरा रही है। अगर 55-60 वर्ष की आयु के बाद किसी के व्यवहार में बदलाव आए या वह व्यक्ति दिनचर्या की आम बातों को भूलने लगे तो वह डिमेंशिया नामक बीमारी से ग्रस्त हो सकता है, इसलिए इस बीमारी का अगर जल्दी इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोगी काफी हद तक ठीक भी हो सकता है।
एन.एच.एस. (नासा एंड हब सुपर स्पैशलिटी) अस्पताल, नजदीक कपूरथला चौक के डायरैक्टर एवं प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गोयल ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में लगभग साढ़े 4 करोड़ तथा भारत में 40 लाख लोग इस बीमारी का शिकार हैं। यह बीमारी पुरुषों व महिलाओं दोनों को होती है और 60 वर्ष की आयु के बाद 2-3 प्रतिशत लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की जहां स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है, वही उसमें काम करने की इच्छा भी नहीं रहती तथा वह इधर उधर की फिजूल बातें करने लगता है।
डॉ. गोयल ने बताया कि डिमेंशिया रोग से ग्रस्त व्यक्ति कई बार बोलते हुए सही शब्द भी नहीं सोचता और वह असभ्य भाषा का प्रयोग करने लगता है तथा कुछ केसों में रोगी का पेशाब भी अपने आप निकल जाता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी संबंधी जागरूकता ना होने के कारण अक्सर लोग इसे बुढ़ापे की निशानी कहने लगते हैं और वे यह नहीं जानते कि यह एक दिमागी रोगी है, जिसका इलाज काफी हद तक संभव है और रोगी इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो सकता है।
डिमेंशिया के लक्षण
- किसी बात या प्रश्न को बार-बार दोहराना
- कपड़े उल्टे या गलत तरीके से पहनना
- छोटी-छोटी बात पर या बिना कारण बौखला जाना
- जरूरी चीजें या हाल ही में हुई घटनाएं भूल जाना
- कोई काम शुरू करके अचानक भूल जाना कि करना क्या है
- चीजों को गलत जगह पर रख देना
- तारीख, महीना या खाया पिया भूल जाना
- बिना वजह किसी से भी झगड़ा करना
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