अब पानी भी सुरक्षित नहीं! पैकेटबंद पेयजल और मिनरल वाटर की होगी टेस्टिंग

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 23 Dec, 2025 11:51 PM

even bottled water is no longer safe

फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने 17 अक्टूबर 2024 को नोटिफिकेशन के तहत खाद्य सुरक्षा और मानक (निषेध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के तहत अनिवार्य सर्टिफिकेशन के प्रावधान को हटा दिया है। जिसमें पैकेटबंद पेयजल और मिनरल वाटर  के लिए अनिवार्य...

लुधियाना  (सहगल) : फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने 17 अक्टूबर 2024 को नोटिफिकेशन के तहत खाद्य सुरक्षा और मानक (निषेध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के तहत अनिवार्य सर्टिफिकेशन के प्रावधान को हटा दिया है। जिसमें पैकेटबंद पेयजल और मिनरल वाटर  के लिए अनिवार्य ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स सर्टिफिकेशन मार्क लगाना जरूरी नहीं रह गया था। परंतु इसके बाद बाजार से बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें आने लगी जिसमें बोतल बंद पेयजल और मिनरल वाटर पीकर लोग बीमार होने लगे और स्वास्थ्य विभाग के पास आना जारी है। इसके इलावा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड मार्क हटाने के बाद बाजार में नए निर्माता महामारी की तरह सामने आने लगे जिससे फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों में भी चिंता बढ़ गई। अब यह पता लगाना मुश्किल हो गया कि पैकेज ड्रिंकिंग वॉटर में कितनी स्वच्छता और गुणवत्ता व्याप्त है और मिनरल वाटर में कितने मिनरल का समावेश किया जा रहा है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार उपरोक्त अनिवार्य बीआईएस सर्टिफिकेशन योजना को हटाने के बाद, भारतीय बाज़ार में पैकेटबंद पेयजल और मिनरल वाटर की सुरक्षा और अनुपालन सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया। अब इसी मुश्किल को पार करने के लिए विभाग द्वारा  "पैकेटबंद पेयजल" और "मिनरल वाटर" के परीक्षण की योजना बनाई गई है। 

नए वर्ष से शुरू होगी सैंपलिंग की योजना

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों के अनुसार 1 जनवरी से देश के सभी राज्यों और राज्यों के सभी जिलों में पेयजल की सैंपलिंग शुरू की जाएगी और इसे निरंतर जारी रखा जाएगा। इन आदेशों के आने के बाद बाजार में काफी हलचल दिखाई दे रही है, क्योंकि लोगों के पास अपने पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने और उसे सिद्ध करने के लिए कुछ दिन ही बाकी है। अधिकारियों का मानना है कि इस अवधि के दौरान रिलैक्स हो चुके पुराने पेयजल निर्माता तथा जो नए प्लेयर मार्केट में आए हैं। उन्हें अपने पेयजल उत्पादों की गुणवत्ता सिद्ध करनी होगी अथवा विभाग द्वारा लिए गए सैंपल जांच में फेल होने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

मिनरल वाटर के नाम पर बेचा जाता है फिल्टर पानी

बाजार में इन दिनों मिनरल वाटर के नाम पर फिल्टर पानी धड़ल्ले से बचा जा रहा है और ब्रांडेड कंपनियों से काफी दाम कम दामों पर इसे 20 लीटर की बोतल में लोगों को सप्लाई किया जा रहा है परंतु पानी की गुणवत्ता किस लैब में टेस्ट कराई गई है। यह कोई नहीं बताता कोई मापदंड ना होने के कारण 20 लीटर की बोतलों को साधारण से भरकर भी सप्लाई कर दिया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि अब ऐसा नहीं होगा हार्प जल निर्माता और सप्लाई करने वाले के पेयजल की कड़ी जांच होगी।

पेट की 60 प्रतिशत से अधिक बीमारियां पीने के पानी से

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि पेट की 60% से अधिक बीमारियां पीने के पानी के कारण होती हैं। अगर पीने का पानी दूषित है तो इसका सीधा असर उसे ग्रहण करने वाले की सेहत पर पढ़ना लाजमी है। दूसरी ओर लोगों का कहना है कि ऐसे में पेयजल के सैंपल फेल होने पर उसे अनसेफ कैटेगरी में रखा जाना चाहिए ना कि सब स्टैंडर्ड कैटेगरी में, क्योंकि यह स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। इस पर गंभीरता आवश्यक है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!