Edited By Radhika Salwan,Updated: 03 Jun, 2024 12:16 PM
जिला प्रशासन, सरकार, सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन देखा जाए तो युवा भी महंगे नशे से दूर हो रहे हैं और अपनी लत को पूरा करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं।
गुरदासपुर: बेशक जिला प्रशासन, सरकार, सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन देखा जाए तो युवा भी महंगे नशे से दूर हो रहे हैं और अपनी लत को पूरा करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। जुटाई गई जानकारी के मुताबिक हेरोइन जैसे महंगे नशे का सेवन करना हर किसी के वश की बात नहीं है। यही कारण है कि अब युवा नशा करने के लिए बिच्छू से निकलने वाले धुएं को सूंघकर नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। इस औषधि के लिए बिच्छू की पूंछ की मांग सबसे ज्यादा है, क्योंकि इसमें जहर अधिक होता है।
आपने अक्सर लोगों को नशा करने के लिए शराब, गांजा, भांग, हेरोइन, चरस या किसी अन्य प्रकार के नशे का सहारा लेते देखा होगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जिन राज्यों में शराब की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है, वहां लोग नशे करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूंढ रहे हैं। उन्हीं में से एक बिच्छू का नशा अब सामने आ रहा है। धीरे-धीरे यह नशा पंजाब के कई इलाकों में तेजी से फैल रहा है।
कुछ नशा मुक्ति केंद्रों के संचालकों का कहना है कि अब युवाओं ने नशे का सेवन करने का नया तरीका ढूंढ लिया है। यहां लोग एक खास तरह के मरे हुए बिच्छू को जला रहे हैं और उसका धुआं उड़ा रहे हैं। नशे के लिए मरे हुए बिच्छुओं को पहले कोयले पर सुखाया जाता है या जला दिया जाता है। इसके बाद नशे के आदी लोग बिच्छू से निकलने वाले धुएं को सूंघकर नशा करते हैं। खासतौर पर बिच्छू की पूँछ सबसे अधिक मांग वाली दवा है। दरअसल, इसमें जहर होता है, जो इसे अत्यधिक नशीला बना देता है।
इस दवा से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो यह दवा कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। यदि इस प्रकार की दवा का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो इससे याददाश्त संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा हमेशा नींद न आना, भूख न लगना और घबराहट की स्थिति में रहने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर इस दवा का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो दवा लेने वाले व्यक्ति को फेफड़ों से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा यह दवा बिच्छुओं के लिए भी खतरा बनती जा रही है। दरअसल, इस दवा के कारण बिच्छू का शिकार बढ़ गया है। पशु प्रेमियों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में इलाके से बिच्छू गायब हो जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, बिच्छुओं को मारकर नशा करने का यह चलन पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में बहुत तेजी से फैल रहा है। युवा बिच्छुओं की तलाश में घूमते हैं। खैबर पख्तूनख्वा में एक मरे हुए बिच्छू की कीमत 1000 रुपये तक बताई जाती है।