पंजाब की किसी जेल में नहीं हुआ लॉरैंस बिश्नोई का इंटरव्यू : DGP

Edited By Vatika,Updated: 16 Mar, 2023 04:23 PM

dgp punjab press conference

जो इस बात को पुख्ता करते हैं कि बिश्नोई का इंटरव्यू पुराना है और पंजाब की जेल से नहीं हुआ।

चंडीगढ़/जालंधर (रमनजीत, धवन): कुख्यात अपराधी लॉरैंस बिश्नोई के कुछ दिन पहले एक टी.वी. चैनल पर दिखाए गए इंटरव्यू के मामले में पंजाब के डी.जी.पी. गौरव यादव ने इस बात को सिरे से नकार दिया है कि बिश्नोई का इंटरव्यू बङ्क्षठडा जेल या फिर पंजाब की किसी भी जेल में हुआ है। डी.जी.पी. गौरव यादव ने कहा कि उनके पास तथ्य मौजूद हैं, जो इस बात को पुख्ता करते हैं कि बिश्नोई का इंटरव्यू पुराना है और पंजाब की जेल से नहीं हुआ। 

पत्रकार वार्ता के दौरान डी.जी.पी. यादव ने दावा किया कि जिस दिन टी.वी. चैनल पर इंटरव्यू चला है, उससे कुछ दिन पहले ही लॉरैंस बिश्नोई को राजस्थान पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस के हवाले किया गया था जोकि 8 मार्च का दिन था। उसके बाद 9 मार्च को वह तलवंडी साबो पुलिस की गिरफ्त में प्रोडक्शन वारंट पर रहा और 10 मार्च को वापस बठिंडा जेल पहुंचा। उन्होंने बठिंडा जेल में पहुंचने, तलवंडी साबो अदालत में पेशी के वक्त व अन्य तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि इन दिनों में बिश्नोई का हेयर स्टाइल बिल्कुल छोटे-छोटे बालों वाला है और दाढ़ी भी शेव की हुई है जबकि 14 मार्च को टी.वी. पर चले इंटरव्यू में साफ दिखाई देता है कि उसकी दाढ़ी बहुत बढ़ी हुई है और लंबे बाल हैं। इससे पता चलता है कि इंटरव्यू पहले से रिकॉर्डेड था। डी.जी.पी. ने कहा कि इंटरव्यू के दौरान जो टी-शर्ट बिश्नोई ने पहनी हुई है, वह जेल में तलाशी लेने के वक्त उसके पास नहीं मिली।


24 घंटे सी.सी.टी.वी. कैमरे की निगरानी और बी.एस.एफ. के सुरक्षाकर्मी रहते हैं तैनात
डी.जी.पी. ने कहा कि ध्यान से देखा जाए तो उक्त इंटरव्यू में कहीं भी जग्गू भगवानपुरिया व गोइंदवाल साहिब जेल में हुई घटनाओं का जिक्र तक नहीं है जोकि साबित करता है कि यह पहले से रिकॉर्ड किया गया इंटरव्यू है। इंटरव्यू की क्वालिटी स्टूडियो स्तर की है जोकि किसी भी हाल में पंजाब की जेलों में संभव नहीं है। बठिंडा जेल के जिस सैल में उसे रखा गया है, वहां वह 24 घंटे सी.सी.टी.वी. कैमरों की निगरानी में रहता है और उस हाई सिक्योरिटी जोन को भारत सरकार की मदद से तकनीकी रूप से ऐसा बनाया गया है कि वहां मोबाइल फोन तो क्या, कोई भी इलैक्ट्रॉनिक सिग्नल वाली चीज नहीं चलती। बी.एस.एफ. की सुरक्षा टीम लगातार तैनात रहती है और दिन में 4 बार चैकिंग होती है। सूरज ढलने के समय बाकी जेलों की तरह इस हाई सिक्योरिटी सैल की लाइट्स बंद नहीं की जातीं, बल्कि थोड़ी मद्धम की जाती हैं ताकि निगरानी में कोई कमी न रहे। डी.जी.पी. ने कहा कि जेल विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और हर हाल में इसकी जड़ तक पहुंचा जाएगा तथा सच लोगों के सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपराधी बिश्नोई ने अपना सारा आपराधिक जाल पंजाब से बाहर अन्य राज्यों की जेलों में बैठ कर ही तैयार किया था और उसने पंजाब की जेलों में आने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। अब बहुत से आपराधिक तत्व इस प्रयास में हैं कि फिर से उसे पंजाब से बाहर की जेलों में ले जाया जाए ताकि उसके आपराधिक कार्य फिर से शुरू हो सकें लेकिन पंजाब पुलिस ऐसा नहीं होने देगी। 

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