Punjab : सभी स्कूलों को DEO की दो टूक, आज है आखिरी तारीख

Edited By Urmila,Updated: 27 Jun, 2025 01:13 PM

deo s clear message to all schools

यू-डाइस सर्वे 2025-26 इस बार भी केंद्र सरकार की वैबसाइट ‘यू-डाइसप्लस डॉट जीओवी डॉट इन’ पर ऑनलाइन ही भरा जा रहा है।

लुधियाना (विक्की): जिला शिक्षा अधिकारी (ए) द्वारा भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की हिदायतों के अनुरूप यू-डाइस (यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) सर्वे 2025-26 को लेकर सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। यह सर्वे हर साल विद्यार्थियों, शिक्षकों, बुनियादी ढांचे और स्कूल स्तर की गतिविधियों से संबंधित जानकारी एकत्र करने के लिए किया जाता है। इस डाटा का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा पी.जी.आई., के.पी.आई., एस.डी.जी. जैसे मूल्यांकन में किया जाता है जिनके आधार पर स्कूलों को ग्रांट जारी होती है और राज्य की शिक्षा रैंकिंग तय की जाती है।

यू-डाइस सर्वे 2025-26 इस बार भी केंद्र सरकार की वैबसाइट ‘यू-डाइसप्लस डॉट जीओवी डॉट इन’ पर ऑनलाइन ही भरा जा रहा है जिसके अंतर्गत जिले के सभी स्कूलों को स्टूडैंट्स मॉड्यूल, टीचर्स मॉड्यूल और बेसिक प्रोफाइल एंड फैसिलिटीज मॉड्यूल को अलग-अलग तरीके से अपडेट करना अनिवार्य किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि इन तीनों मॉड्यूल को स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार आज अर्थात 27 जून शुक्रवार तक हर हाल में पूरा किया जाए।

विद्यार्थियों की प्रगति, शिक्षकों और बुनियादी ढांचे का डाटा अनिवार्य

पहला मॉड्यूल स्टूडैंट्स मॉड्यूल से संबंधित है जिसमें विद्यार्थियों की प्रोग्रेशन एक्टिविटी को अपडेट करना है। रिपोर्ट के अनुसार ज़िले के अधिकांश स्कूलों ने यह कार्य आरंभ तो किया लेकिन उसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। 25 जून को सुबह 9 बजे तक की स्थिति के अनुसार जिले के 74 स्कूलों ने बच्चों के मॉड्यूल पर कार्य तो शुरू किया, परंतु उसे फाइनल नहीं किया गया जबकि बार-बार विभाग द्वारा दिशा-निर्देश भेजे जा चुके हैं। इसलिए इन स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 27 जून तक बच्चों की प्रगति से संबंधित विवरण अपने स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार अनिवार्य रूप से पूरा करें।

दूसरा मॉड्यूल टीचर्स मॉड्यूल है जिसमें स्कूलों को अपने शिक्षकों और कर्मचारियों, जैसे कि टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ का विवरण अपडेट करना है। यदि कोई शिक्षक एक स्कूल छोड़कर दूसरे में जा चुका है, तो पहले स्कूल द्वारा उसे ‘लैफ्ट द स्कूल’ के रूप में मार्क किया जाए ताकि नया स्कूल उसे आसानी से जोड़ सके। इस प्रक्रिया को भी जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

तीसरा मॉड्यूल बेसिक प्रोफाइल एंड फैसिलिटीज से संबंधित है जिसमें स्कूल की बुनियादी सुविधाओं की जानकारी जैसे कक्षा-कक्षों की संख्या, लड़कों व लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, उनकी कार्यशीलता, खेल मैदान आदि की सटीक जानकारी भरनी है। सभी स्कूलों को यह डाटा भी अपने वास्तविक रिकॉर्ड के अनुसार ही भरने का आदेश दिया गया है।

गलत डाटा पर होगी जिम्मेदारी और अनुशासनात्मक कार्रवाई

इसके साथ-साथ सभी स्कूलों को चेतावनी दी गई है कि डाटा भरते समय किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। विभाग द्वारा की गई जांच में यह सामने आया है कि कई स्कूलों द्वारा जानकारी स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार नहीं भरी गई है जो कि एक गंभीर लापरवाही है। भविष्य में क्लस्टर, ब्लॉक, जिला या राज्य स्तर से जांच के दौरान यदि कोई त्रुटि पाई गई तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रमुख की होगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त, कई छात्रों का विवरण उनके पुराने स्कूल में ही दर्ज दिखाई दे रहा है जबकि वे पहले ही नए स्कूल में स्थानांतरित हो चुके हैं। ऐसे में यह आवश्यक किया गया है कि जो विद्यार्थी वास्तव में जिस स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनका डाटा उसी स्कूल में दर्ज किया जाए। यदि किसी स्कूल को तकनीकी सहायता की आवश्यकता हो तो वह अपने संबंधित ब्लॉक एम.आई.एस. को-ऑर्डिनेटर से प्राथमिकता के आधार पर ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर सकता है।

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