Edited By Kalash,Updated: 04 Sep, 2024 02:03 PM
एन.एच.ए.आई. के दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए खुशखबरी सामने आई है।
लुधियाना : एन.एच.ए.आई. के दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए खुशखबरी सामने आई है। एन.एच.ए.आई. इस प्रोजेक्ट के लिए लुधियाना जिले के 3 गांवों की जमीन का कब्जा लेने में कामयाब हो गई है। यहां पहले एन.एच.ए.आई. को जमीन एक्वायर करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
वहीं अथॉरिटी को अभी भी प्रोजेक्ट में आती जिले के 10 गावों में जमीन एक्वायर करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रोजेक्ट से उत्तर भारत के कई शहरों के बीच यात्रा का समय कम होने की उम्मीद है, क्योंकि यह दिल्ली से हरियाणा और पंजाब में पटियाला से दाखिल होकर कटरा पहुंचने के लिए जम्मू से पहले अमृतसर को पार करता है।
पंजाब में बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे के 399 किलोमीटर हिस्से में से 38 किलोमीटर हिस्सा लुधियाना जिले के 24 गांवों में पड़ता है। नाम न बताने की शर्त पर एन.एच.ए.आई. के एक अधिकारी ने बताया कि 13 गांवों में काम ठप्प हो गया था पर हाल ही में छपार, धूरकोट, जुराहां गांव में जमीन का कब्जा ले लिया है जो कि इस प्रोजेक्ट के 6 किलोमीटर के हिस्से में बनता है। वहीं इसके साथ ही पहले किसानों के पहले 43 लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा था जबकि अब 80 लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है। यह रेट आर्बिट्रेटर द्वारा प्रवानित कर दिया गया है।
एन.एच.ए.आई. के अधिकारी ने बताया कि अब वह 10 गांवों में जमीन एक्वायर करने का इंतजार कर रहे हैं जहां 12-13 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। वहीं लुधियाना जिले में वह 25 किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने के लिए जरुरी जमीन पर कब्जा करने के योग्य हो गए हैं। काम की प्रगती के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मलेरकोटला से लुधियाना तक 31% काम पूरा कर लिया गया है। एन.एच.ए.आई. ने 31 दिसंबर 2025 तक इस हिस्से को पीरा करने का लक्ष्य रखा है। वहीं लुधियाना से फिल्लौर तक का 57.04% काम हो चुका है। अथॉरिटी ने इस हिस्से को 30 सितंबर, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसे लेकर लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि वह उन गांवों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं जहां काम रुका हुआ है।
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