स्कूलों में पहुंचा कोरोना, Parents का सरकार से सवाल-क्या बोर्ड Exam जरूरी है?

Edited By Vatika,Updated: 01 Mar, 2021 10:28 AM

corona arrived in schools

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड 16 मार्च से 5वीं, 22 मार्च से 8वीं और 12वीं, 9 अप्रैल से 10वीं कक्षा की परीक्षाएं लेने जा रहा है।

जालंधर/लुधियाना(सोमनाथ, विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड 16 मार्च से 5वीं, 22 मार्च से 8वीं और 12वीं, 9 अप्रैल से 10वीं कक्षा की परीक्षाएं लेने जा रहा है। दूसरी तरफ स्कूलों के अध्यापकों और विद्यार्थियों के कोरोना संक्रमित होने के मामले सामने आने लगे हैं। आज रविवार को जालंधर में 30 और लुधियाना में 4 स्कूली विद्यार्थियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों में सहम पाया जा रहा है और अभिभावकों द्वारा सरकार से सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या बोर्ड की परीक्षाएं जरूरी हैं? यदि जरूरी हैं तो दूसरे स्कूलों में क्यों? अपने स्कूलों में ही सैंटर क्यों नहीं बनाए जा रहे, ताकि सोशल डिस्टैंसिंग में रहते हुए बच्चे अपने ही स्कूलों में परीक्षा दें। 

5वीं कक्षा: 
विद्यार्थी का सैंटर जहां उसने दाखिला लिया है (भाव अपने स्कूल में) उसमें बनेगा और सुपरवाइजर स्टाफ बाहर से आएगा। 

समस्या

  • पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड एकमात्र बोर्ड है, जो 5वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा ले रहा है। सी.बी.एस.ई. या आई.सी.एस.ई. कोई भी केंद्रीय बोर्ड यह परीक्षा नहीं ले रहा। 
  • क्या पंजाब बोर्ड का अकादमिक स्तर इन बोर्डों से उच्चतर है? कोई भी पड़ोसी राज्य यह परीक्षा नहीं ले रहा है। क्या सिर्फ 11 वर्ष के बच्चे के लिए यह मानसिक परेशानी नहीं? 
  • कोरोना महामारी के कारण 5वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए स्कूल 7 जनवरी से खोले गए थे। वे भी उन विद्यार्थियों के लिए जो अपनी सहमति स्कूल में देंगे। 

क्या परीक्षा के लिए उनकी सहमति जरूरी नहीं है? क्या 7 जनवरी से 22 मार्च तक का समय पढ़ाई के लिए काफी है

8वीं कक्षा

  • विद्यार्थी 22 मार्च से हो रही बोर्ड परीक्षा के लिए बाहरी स्कूलों में पेपर देने जाएंगे जहां बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है।

ध्यान देने योग्य मुद्दे

  • पंजाब बोर्ड एकमात्र ऐसा बोर्ड हो जो कोरोना महामारी में 8वीं की बोर्ड परीक्षा ले रहा है, जबकि सी.बी.एस.ई. या आई.सी.एस.ई. कोई भी केंद्रीय बोर्ड ऐसा नहीं कर रहा। 
  • 8वीं कक्षा के लिए पंजाब सरकार ने 7 जनवरी को स्कूल खोले थे तथा 22 मार्च को उनकी बोर्ड परीक्षा ली जा रही है। 
  • क्या बोर्ड के लिए यह समय काफी है? 
  • स्कूल खोलते समय पंजाब सरकार के कड़े निर्देश थे कि बिना सहमति पत्र के किसी भी बच्चे को स्कूल नहीं बुलाया जा सकता लेकिन अब पेपर देने के लिए विद्यार्थी को जिस स्कूल में भेजा जा रहा है उसके लिए कोई भी सहमति पत्र न तो बच्चे से लिया गया है और न ही स्कूल से जिसका वह विद्यार्थी है। क्या ऐसा करना गैर-कानूनी नहीं? 

10वीं और 12वीं कक्षा
10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए विद्यार्थी बोर्ड द्वारा 3 से 8 किलोमीटर दूर बनाए परीक्षा केंद्रों में पेपर देने जाएंगे।

तथ्य जो नजरअंदाज नहीं किए जा सकते 
1.     कोरोना महामारी के कारण जारी निर्देशों में स्कूल बुलाने के लिए ब"ाों के अभिभावकों की सहमति जरूरी है लेकिन अभी भी बहुत सारे अभिभावकों ने ब"ाों को स्कूल भेजने के लिए सहमति पत्र नहीं भरे हैं, जिन्होंने सहमति पत्र भरे भी हैं वे भी बच्चों के बाहरी परीक्षा केंद्र में पेपर देने के लिए सहमत नहीं हैं।
2.गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में ली जा रही परीक्षाओं के अधिकार संबंधित कालेजों को देकर सिर्फ प्रश्न पत्र और उत्तर कापियां ही भेजी गई हैं। क्या बी.ए./एम.ए. की परीक्षा कोई अहमियत रखवाती है और 8वीं, 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं ज्यादा अहमियत रखवाती है?

  • क्या बी.ए./एम.ए. के विद्यार्थियों के लिए कोरोना महामारी 8वीं, 10वीं, 12वीं के विद्यार्थियों से ज्यादा खतरनाक है?
  • क्या स्कूल और कॉलेज अध्यापकों के किरदार में कोई अंतर है। एक नकल करवाता है और एक नकल नहीं करवाता
  •  

3. क्या हर स्कूल में कोविड-19 से विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने के लिए एक जैसे प्रबंध हैं? क्या अभिभावक यह अधिकार नहीं रखते कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए ऐसे अदारे में पेपर देने जाने से इंकार कर सकें, जहां उनका बच्चा सुरक्षित नहीं?

4. क्या सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के पास कोविड-19 के दौर में इससे बचाव के लिए एक जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं।
5. कोविड-19 के दौरान क्या यह बात अहमियत नहीं रखती कि बाहरी परीक्षा केंद्रों में दो या दो से अधिक स्कूलों के ब‘चे एक सैंटर में इकट्ठे न किए जाएं, बल्कि हर स्कूल के विद्यार्थी अपने-अपने स्कूल में पेपर दें, क्योंकि हर स्कूल की कोविड-19 दौरान सुरक्षा सुविधाएं अलग-अलग हैं, एक स्कूल की लापरवाही का नुक्सान दूसरे स्कूल को उठाना पड़ सकता है।
6. स्थानीय स्तर पर हर स्कूल के प्रबंध भी सुखद नहीं होते, यदि एक स्कूल दूसरे स्कूल के ब"ो को कोविड नियमों के हवाले से परीक्षा देने से वंचित रखता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
7.     बोर्ड परीक्षा लेने का असल कारण बोर्ड द्वारा 5वीं, 8वीं, 10वीं, 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों से एकत्रित की गई करोड़ों रुपए की परीक्षा फीस है। इस फीस के लेने को सही ठहराने के अलावा बोर्ड के पास 5वीं, 8वीं की बोर्ड की परीक्षा लेने का कोई और कारण नहीं है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!