बरनाला: डाक्टर को दिखाने से पहले ही सिविल अस्पताल के मरीजों की बिगड़ जाती है तबीयत

Edited By Vaneet,Updated: 28 Aug, 2019 02:28 PM

civil hospital patients deteriorate even before showing a doctor

सिविल अस्पताल बरनाला में आए मरीजों की डाक्टर को दिखाने से पहले ही तबीयत बिगड़ जाती है। ...

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): सिविल अस्पताल बरनाला में आए मरीजों की डाक्टर को दिखाने से पहले ही तबीयत बिगड़ जाती है। क्योंकि उन्हें पर्ची कटवाने के लिए ही लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। 2 घंटे की प्रतीक्षा के बाद पर्ची कटवाने की बारी आती है। गर्मी में मरीजों या उनके अभिभावकों को लाइनों में खड़ा होना पड़ता है। सिर्फ खिड़की के पास ही एक पंखा लगा हुआ है।बाकी कहीं भी पंखा नहीं लगा हुआ। जिस कारण लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। मरीजों की मुश्किलें यहीं पर खत्म नहीं होतीं फिर उन्हें 2 घंटों की प्रतीक्षा डाक्टरों को चैकअप करवाने के लिए करनी पड़ती है क्योंकि डाक्टरों के आगे भी भारी लाइन लगी होती है। इतने में तो मरीज की तबीयत भी बिगड़ जाती है। रोजाना करीब 1300 मरीजों के द्वारा चैकअप करवाने के बावजूद भी सिर्फ पर्ची काटने के लिए एक ही खिड़की है। 

महिलाओं व पुरुषों की खिड़की भी इकट्ठी की हुई है। अधिकतर मरीजों को पहले तो जच्चा बच्चा केन्द्र में पर्ची क टवाने के लिए आना पड़ता है फिर चैकअप करवाने के लिए अस्पताल की पुरानी इमारत में सड़क पार करके जाना पड़ता है। सड़क पार करने के चक्कर में समय खराब होता है क्योंकि वहां पर रोड जाम रहता है। वाहनों की अधिक गिनती होने के  कारण मरीज के सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप में घायल होने का भी हर समय डर बना रहता है। मतलब कि सिविल अस्पताल आने पर मरीजों पर एक तरह से मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ता है।

PunjabKesari

मरीजों को राहत देने के लिए बनाई जानी चाहिए पर्ची काटने की 7 खिड़कियां 
अकाली नेता गुरजिन्द्र सिंह सिद्धू ने कहा कि सिविल अस्पताल में पर्ची काटने के लिए सिर्फ एक ही खिड़की है जिस कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 1000 से लेकर 1500 के करीब मरीज रोजाना सिविल अस्पताल में अपना चैकअप करवाने आते हैं। सुबह 9 बजे से लेकर 2 बजे तक ही डाक्टर मरीजों का चैकअप करते हैं। इतने कम समय में मरीजों को भुगताना मुश्किल है। मरीजों को राहत देने के लिए कम से कम 7 खिड़कियां पर्ची काटने के लिए बनाई जानी चाहिएं। 

अस्पताल की पुरानी इमारत में बंद पड़ी खिड़की को फौरी तौर पर किया जाए शुरू
कपिल ग्रोवर ने कहा कि पहले अस्पताल की पुरानी इमारत में ही मरीजों की पर्ची काटी जाती थी परंतु जच्चा बच्चा केन्द्र खुलने के बाद अस्पताल की पुरानी इमारत के सामने अब मरीजों की पॢचयां काटी जाने लगी हैं। अधिकतर मरीजों ने अस्पताल की पुरानी इमारत में ही अपना चैकअप करवाना होता है, जबकि जच्चा बच्चा केन्द्र में महिलाओं व बच्चों ने ही अपना चैकअप करवाना होता है इसलिए पर्ची की खिड़की खुलना जरूरी है। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की बंद पड़ी खिड़की को फौरी तौर पर खोला जाना चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिल सके। 

PunjabKesari

सिविल अस्पताल के बैडों की संख्या बढ़ाने की जरूरत
महेन्द्रपाल बांसल ने कहा कि सिविल अस्पताल बरनाला पिछले 30 वर्षों से 100 बैडों का ही अस्पताल है। जच्चा बच्चा केन्द्र खुलने से बैडों की संख्या कुछ तो बढ़ी है। परंतु काफी नहीं है। डाक्टरों की नियुक्ति व स्टाफ की नियुक्ति भी बैडों के हिसाब से होती है। जबकि पिछले 30 वर्षों में शहर की आबादी पांच गुना बढ़ गई है। अब बरनाला जिला भी बन गया है। आसपास के गांवों के लोग भी अब यहीं पर अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। बैडों की कम संख्या होने के कारण मरीजों को बैड नहीं मिलते। डाक्टर व स्टाफ भी कम है। जबकि सेहत सुविधा पहली बुनियादी सुविधा है। इसलिए सिविल अस्पताल के बैडों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। बैडों की संख्या बढऩे से कई समस्याओं का हल अपने आप ही हो जाएगा।  

बुजुर्ग महिला हूं पौत्रें को दिखाने के लिए खड़ी हूं 2 घंटे से लाइन में
बातचीत करते हुए जसपाल कौर ने कहा कि मेरी आयु 68 वर्ष की है बुजुर्ग हो चुकी हूं। पौत्रे को दिखाने के लिए आई थी, लाइन बहुत लंबी है। 2 घंटे हो चुके हैं अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए परंतु पर्ची काटने का नंबर नहीं आया। इसी तरह से कुलविंद्र कौर महलकलां, जसवंत सिंह, रमला देवी व ईशर सिंह ने कहा कि हमें भी एक घंटे के करीब हो चुका है लाइन में खड़े हुए परंतु अभी तक पर्ची काटने की बारी नहीं आई। छत पर पंखा भी नहीं लगा हुआ है। भयानक गर्मी है हमारा तो गर्मी ने ही कचूमर निकाल दिया है। मरीज गर्मी के कारण और भी बीमार हो रहे हैं। मरीजों को राहत देने के लिए सिविल अस्पताल में खिड़कियों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को राहत मिल सके।  

अस्पताल में सिर्फ एक ही आप्रेटर है। जिस कारण पुरानी इमारत की पर्ची वाली खिड़की बंद पड़ी है। मैंने सरकार को लिखकर भेजा है कि अस्पताल में एक और आप्रेटर की नियुक्ति की जाए ताकि अस्पताल में दो खिड़कियां शुरू की जा सकें। -ज्योति कौशल, एस.एम.ओ. 

PunjabKesari

सेहत सुविधा पहली बुनियादी सुविधा हैं उसको भी सरकार व प्रशासन नहीं उपलब्ध करवा रहा ठीक ढंग से

नीटू ढींगरा ने कहा कि सेहत सुविधाएं पहली बुनियादी सुविधा है। सरकार व प्रशासन द्वारा दावे किए जाते हैं कि लोगों को अच्छी सेहत सुविधाएं सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही हैं परंतु सिविल अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाओं की बहुत ही कमी है। जब एक मरीज को अपना इलाज करवाने के लिए 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है तो इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या होगी। इसलिए सरकार व प्रशासन को पहल के आधार पर सिविल अस्पताल में मरीजों के लिए बेहतर सुविधाओं का प्रबंध करना चाहिए।  

मरीजों का ऐसे गर्मी में परेशान होना गंभीर मसला है मैं आज ही इस संबंधी सेहत मंत्री तथा सिविल सर्जन से बात करूंगा तथा बहुत जल्द ही अस्पताल में पर्ची काटने वालों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-केवल सिंह ढिल्लों, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!