Ludhiana : स्कूल की छत से गिरने का मामला, कमीशन ने जारी किए ये आदेश

Edited By Kamini,Updated: 27 Sep, 2023 09:49 PM

case of falling from school roof commission issued these orders

लोहारा के एक निजी स्कूल की 8वीं कक्षा की छात्रा के स्कूल की इमारत से कूदने के मामले उस समय नया मोड़ आ गया।

लुधियाना (विक्की): लोहारा के एक निजी स्कूल की 8वीं कक्षा की छात्रा के स्कूल की इमारत से कूदने के मामले उस समय नया मोड़ आ गया जब छात्रा के माता-पिता ने प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट कमीशन को बयान दे दिया कि उनकी बेटी को स्कूल में प्रताड़ित नहीं किया गया और न ही वह  खुद स्कूल की इमारत से कूदी थी। कमीशन के अधिकारी ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि छात्रा के पैरेंट्स के बयानों में यह बात सामने आई है कि स्कूल की तीसरी मंजिल की ग्रिल बाउंड्री महज 3 फीट की थी जिसके चलते छात्रा दुर्घटनावश वहां से गिर गई। 

वहीं इस मामले में कमीशन ने आज स्कूल प्रिंसिपल, डाबा पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी और अस्पताल के कर्मचारियों को बुलाया था, जहां घटना के बाद लड़की को भर्ती कराया गया था। कमीशन  के अधिकारियों ने बताया कि छात्र के माता-पिता ने बयान दिया है कि उनकी बेटी वहां दुर्घटनावश गिर गई थी। इसके अलावा जांच अधिकारी ने परिवार और छात्रा के लिखित बयान भी पेश किए, जो इसकी पुष्टि करते हैं।

छात्रा के लिए ट्यूटर या ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था करे स्कूल

कमीशन के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने बताया कि “कमीशन ने स्कूल से एक एफिटेबिट लिया है  कि स्कूल छात्रों के लिए बाउंड्री  को सुरक्षित बनाएगा, ताकि कोई भी गलती से या जानबूझकर वहां से न गिर सके। हालांकि, स्कूल ने उस लड़की के इलाज के अस्पताल के खर्च का भुगतान किया, जिसे रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी। जब तक वह ठीक नहीं हो जाती वे उसके इलाज का सारा खर्च भी उठाएंगे। स्कूल को छात्रा और उसकी 4 अन्य बहनों, जो उसी स्कूल में पढ़ती हैं को 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने देनी चाहिए और उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। इसके साथ-साथ जब तक घायल छात्रा खुद स्कूल आने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी पढ़ाई प्रभावित न हो। स्कूल या तो उसके लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकता है या उसके घर पर एक ट्यूटर भेज सकता है क्योंकि लड़की को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।

अस्पताल ने दिया यह तर्क

कमीशन के उप निदेशक राजविंदर सिंह गिल ने कहा, अस्पताल के कर्मचारियों ने तर्क दिया कि वे पहले से ही छात्रा के इलाज में व्यस्त थे। इसलिए उन्हें नहीं पता था कि लड़की और उसके परिवार से कौन मिलने आया था। बता दें कि जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने शिकायत की थी कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके साथ सहयोग नहीं किया है।

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