Edited By Vatika,Updated: 18 Jan, 2021 10:45 AM
सेल्फ मेडिकेशन का प्रचलन आजकल काफी बढ़ गया है और हर आदमी ही डॉक्टर बना हुआ है।
जालंधर (रत्ता): सेल्फ मेडिकेशन का प्रचलन आजकल काफी बढ़ गया है और हर आदमी ही डॉक्टर बना हुआ है। लोगों को इस बात का जरा भी ज्ञान नहीं होता कि विशेषज्ञ डॉक्टर की मर्जी के बिना दवाई खाना कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो सकता है। आजकल की भागदौड़ एवं तनावग्रस्त जिंदगी के कारण अधिकांश लोगों को हर रोज किसी न किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है और ऐसे में समय एवं कुछ पैसे बचाने के लिए लोग अपनी मर्जी से ही दवाई खा लेते हैं जिससे उन्हें बाद में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यही नहीं कुछ लोग पैसे बचाने के चक्कर में विशेषज्ञ से जांच करवाए बिना आसपास के ही किसी कहने से दवाई लेकर खा लेते हैं और फिर जब कोई फर्क नहीं पड़ता तो उन्हें आखिर डॉक्टर के पास ही भागना पड़ता है। ऐसे में जहां उनके पैसों की बर्बादी होती है वहीं कई बार छोटी सी बीमारी भी गंभीर रूप धारण कर चुकी होती है। सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं आइए उनके विचार पढ़े। बी बी सी हार्ट केयर, पारुथी अस्पताल के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सी एस पारुथी का कहना है कि जहां हर दवाई का अच्छा प्रभाव होता है वही कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट भी होते हैं जिस संबंधी आम आदमी जागरूक नहीं होता। कई बार रोगी को बीमारी तो गंभीर होती है लेकिन उसके लक्षण नॉर्मल होते हैं। उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर कई बार रोगी को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या छाती में जलन होती है तो वह इसे पेट गैस की समस्या समझ कर खुद ही दवाई खाना शुरू कर देता है जबकि यह हार्ट अटैक की निशानी भी हो सकती है। डॉक्टर पारुथी ने कहा कि किसी भी प्रकार की दवाई खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी होता है।
कपूर बोन एंड चिल्ड्रन हॉस्पिटल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पूजा कपूर का कहना है कि जहां बड़े लोग अपनी मर्जी से दवाई खा लेते हैं वहीं कई माता-पिता अपने बच्चों को भी बुखार इत्यादि की स्थिति में घर में पड़ी कोई दवाई उठा कर दे देते हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि बच्चे को दवाई खिलाने से पहले यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आखिर उसे समस्या क्या है छोटे बच्चे पेट, कान, बाजू या अन्य किसी हिस्से में हो रही दर्द को तो बता नहीं पाते। इसलिए विशेषज्ञ से कब करवाने के उपरांत ही बच्चों को दवाई देनी चाहिए।
डॉ रितु जे नंदा फर्टिलिटी सेंटर की प्रमुख बांझपन एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉ रितु जे नंदा का कहना है कि कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान बुखार एवं दर्द इत्यादि की कोई ऐसी दवाई अपनी मर्जी से खा लेती हैं जोकि कई बार इतनी खतरनाक साबित हो जाती हैं कि जहां उनके पेट में पल रहे बच्चे में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं वही गर्भपात होने तक की नौबत भी आ जाती है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान अपनी मर्जी से किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
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