Edited By Suraj Thakur,Updated: 26 Jun, 2019 04:26 PM

विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने युवाओं को 2500 रुपए बेराजगारी भत्ता और स्मार्ट फोन देने के सब्जबाग दिखाए थे, जिसकी उम्मीद युवा छोड़ चुके हैं।
जालंधर (सूरज ठाकुर): लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब सरकार की माली हालत ऐसी हो गई है कि वह विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए 7 बड़े वादें में से 5 को भी पूरा करने की स्थिति में नहीं है। इनमें से कुछ वादे तो ऐसे हैं जो वित्तीय सहायता के बिना पूरे ही नहीं किए जा सकते। इसमें कोई दो राय नहीं है कि कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2 सालों में राज्य में गैंगस्टरों को खत्म करने और 5 लाख से ज्यादा सीमांत किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने में अहम भूमिका निभाई है। पर इसके बावजूद कैप्टन सरकार बेरोजगारी सहित अपने 5 बड़े वादों को पूरा करने में पिछड़ रही है। हालांकि कि सरकार पांच साल में सभी वादों को पूरा करने का दम भर रही है। नशे के खिलाफ कैप्टन के छेड़ी गई मुहिम भी कुछ खास रंग नहीं ला पाई है। विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने युवाओं को 2500 रुपए बेराजगारी भत्ता और स्मार्ट फोन देने के सब्जबाग दिखाए थे, जिसकी उम्मीद युवा छोड़ चुके हैं। 
लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में आमजन...
लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। पंजाब के बाशिंदे अब समझ चुके हैं कि केंद्र सरकार पांच साल और कैप्टन सरकार अपना करीब 3 साल का कार्यकाल जैसे चाहे वैसे निकाल सकती है। चुनावी शोर में सब मुद्दे जीवंत हो गए थे, आचार संहिता से पहले लाखों किसानों के कर्ज माफ हुए, बेराजगारी का जिन्न बोतल से बाहर आ गया था, नेताओं के वादों की बयार से सूबे के लोगों में एक नई आशा की किरण नजर आने लगी थी। अचानक चुनावी शोर थम गया। नेता केंद्र में सरकार बनने तक चुनाव की खुमारी के चलते रिलैक्स होते रहे। कई दिनों तक जीत और हार के ठीकरे एक दूसरे के सिर पर फोड़े जाते रहे। यहां आपको बताना यह जरूरी हो जाता है कि पंजाब में कांग्रेस के सरकार उतनी ही स्थिर है, जितनी की केंद्र में मोदी सरकार। इसलिए चुनाव जीतने के बाद कार्य कैसे करना है सरकार की इच्छा और अधिकार क्षेत्र में रह जाता है।
नशे के ओवरडोज से हुई मौतों से फिर जागी सरकार...
भीषण गर्मी में नशे के ओवरडोज से होने वाली मौतों से जब आम जनता आहत होने लगी तो चार सप्ताह के भीतर पंजाब से नशा खत्म करने की सौंगंध खाने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब से नशे को खत्म करने के लिए पुलिस को सख्त आदेश दिए और फिर से पुलिस ने नशे के कारोबार में संलिप्त छोटे कारोबारियों और नशेड़ियों को जेलों में बंद करना शुरू कर दिया। हालांकि ऐसे आदेश नशे के धंधे में संलिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के भी जारी हुए हैं। बुधवार को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कैप्टन ने फिर से ऐलान किया कि जब तक पंजाब से नशे को जड़ से खत्म नहीं किया जाता मैं चैन से नहीं बैठूंगा। उन्होंने दावा किया कि नशे के 33 हजार से ज्यादा सौदागर जेलों में भी बंद कर दिए गए हैं। इस देश में यही तो विडंबना है कि जो मुद्दा विपक्ष और जनता के सामने आता है सरकारें कुर्सी को बचाने के लिए उस पर काम करना शुरू कर देती हैं।
वो 5 बड़े वादे जिन पर काम नहीं कर पाई सरकार:
बेरोजगारी...
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घर- घर नौकरी का नारा देकर वादा किया था कि हर साल 1.61 लाख लोगों को नौकरियां देगी। यह भी कहा गया था कि जब तक नौकरी नहीं मिलती तब तक 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कई जिलों में रोजगार मेले लगाए मगर नौकरी दिलाने के लक्ष्य को भेद नहीं पाई। माली हालत के कारण सरकार बेरोजगारों को वादे के मुताबिक बेरोजगारी भत्ता देने में भी असमर्थ है।
स्मार्ट फोन...
चुनाव के दौरान स्मार्टफोन देने का वादा करते हुए कांग्रेस ने युवाओं से फॉर्म भरवाए थे अब तक उनमें से किसी को भी फोन नहीं मिला है। 2017 के बजट में पैसा रखने के बावजूद अब तक स्मार्टफोन नहीं मिले। देश के लोकतंत्र से वाकिफ प्रदेश के युवा भी शायद इसकी उम्मीद छोड़ चुके हैं। अब ऐसा मान लिया जाए कि कैप्टन ने सत्ता में आने से पहले युवाओं के वोट बैंक को हासिल करने के लिए झूठ का सहारा लिया था।
माफिया...
कांग्रेस ने अकाली-भाजपा सरकार को माफिया की सरकार साबित करने की कोशिश की थी। इसमें पार्टी ने दावा किया था कि प्रदेश में लोकतांत्रिक नहीं बल्कि रेत, केबल, शराब, ड्रग्स और ट्रांसोपर्ट माफिया का राज है। जिसे कांग्रेस सरकार बनने पर तुरंत खत्म किया जाएगा। पंजाब में केबल कारोबार भी पहले जैसा ही चल रहा है और शराब और ट्रांसपोर्ट के कारोबार में भी कहीं कोई अंतर नहीं दिख रहा। 
समाजिक सुरक्षा...
कैप्टन सरकार ने पंजाब में दलितों के सशक्तिकरण के लिए बेघरों को मकान, 50 हजार रुपए तक कर्ज माफ करने जैसे वादे किए थे जो जमीन पर पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों की पैंशन को 1500 रुपए करने का वादा किया गया था लेकिन पहले से मिल रहे 500 रुपए पैंशन भी लगातार नहीं मिल पा रही थी। हालांकि अब इस पैंशन को 500 से बढ़ाकर 750 रुपए कर दिया गया है
खाद्य सुरक्षा...
बताया जा रहा है कि 2 साल के दौरान राज्य में सार्वजनिक कल्याण की सभी योजनाएं लगभग ठप्प हैं। कप्तान ने अकाली-भाजपा सरकार की प्रतिष्ठित आटा-दाल योजना के साथ चाय पत्ती और चीनी देने का वादा किया था। लेकिन अब तक केवल लोगों को केवल गेहूं ही मिल पा रहा है। इस योजना में दाल, चीनी और चायपत्ती अब तक नहीं मिली।