Edited By Vatika,Updated: 06 Sep, 2024 10:54 AM
यह संख्या और भी बढ़ गई, जिसमें 1,319 भारतीय नागरिकों ने शरण मांगी, जिनमें से कई कनाडा जाने वाले ट्रांजिट यात्री थे। ब्रिटेन सरकार इसे एक गंभीर मुद्दा मानती है।
लुधियाना( गौतम ) : विदेश में पहुंच कर पैसा कमा कर अपने सपने साकार करने की होड़ में जुटे लोग किसी ने किसी तरह से विदेश पहुंचने की ताक में लगे रहते है। जिसके चलते मोटी रकम खर्च कर वह अवैध रूप से विदेश में पहुचते है। मिले आंकड़ो के अनुसार इस जून 2024 में करीब 5 हजार बिना दस्तावेज के भारतीय अप्रवासी कनाडा के रास्ते यू.एस में प्रवेश कर गए।
बिना दस्तावेजों के यह लोग पैदल या अन्य साधनों से अमेरिका पहुंचे। पिछले साल की तुलना में यह 5 गुणा बढोतरी हुई है । जो कि दोनों देशों के लिए एक चिंता विषय है । इन में अधिकतर वह लोग शामिल है जो बेहतर भविष्य की तलाश में पहुंचे , जो कि पहले कानूनी रूप से कनाडा आए और बाद में जो बाद में रोजगार के अवसरों, संबंधों या अमेरिकी इम्मीग्रेशन पालिसी में कथित फायदों व अन्य कारणों के चलते किसी न किसी तरह से अमेरिका में जाना बेहतर समझा। मैक्सिको बार्डर की बजाए कनैडा बार्डर से यू.एस में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के ग्राफ में तेजी से उछाल आया है । इस बात को लेकर यू.एस ने भी कनाडा सरकार के आगे उसकी उदार वीजा नीतियों को लेकर चिंता जताई है, जिसके चलते बिना दस्तावेजों के बड़ी सख्यां में इंटरनैशनल स्टूडैंट अमेरिका में प्रवेश कर रहे है । कनैडा में जाने के दौरान यू.के में शरण मांगने वाले भारतीय नागरिकों की सख्यां में बढ़ौतरी हुई है, जिसके चलते यूके भी प्रभवित हो रहा है । बिना दस्तावेजों के देश में प्रवेश होने की बढ़ रही चुनौतियों के चलते यू.एस, कनाडा व यू.के तीनों देश ही अपनी इम्मीग्रेशन नीतियों का मूल्यांकन कर रहे है ।
अमेरिका -कनाडा का बार्डर 9 हजार किलोमीटर लंबा और असुरक्षित
अमेरिका- कनाडा की करीब 9 हजार किलोमीटर तक फैला बार्डर विश्व की सबसे लंबा असुरक्षित बार्डर है और अमेरिका-मैक्सिको बार्डर से दोगुणा है । जिसे लेकर दोनों देश आपस में कई बार बातचीत कर चुके है और अवैध रूप से प्रवेश करने वालों को रोकने के लिए मुख्य चुनौती है । असुरक्षित लंबा बार्डर होने के कारण इससे बिना दस्तावेजों के अप्रवासी प्रवेश करते है, जिसमें भारतीयों की सख्यां अधिक है । माना जा रहा है कि अवैध रूप से प्रवेश करने में हुई बढोतरी कनाडा की आव्रजन और वीजा नीतियो के कारण है । कनाडा ने अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और लेबर की कमी को दूर करने के उद्देश्य से 2017 के आस पास अधिक से अधिक इंटरनैशनल स्टूडैंटस और अप्रवासियों को आर्कषित करने के लिए अपने वीजा नियमों में ढील दी । जिसके चलते 2018 से 2022 के बीच कनाडा में इंटरनेशनल स्टूडेंटस की गिनती में 61 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई जो कि 5 लाख 66 हजार से बढ़ कर 8 लाख तक पहुंच गई । कनाडा के प्रति बढ़ रहे आर्कषण को लेकर यू.एस ने कड़ी चिता व्यक्त की है और कनैडा को वीजा नीतियों को कड़ा करने के लिए आग्रह किया है । अवैध रूप से प्रवेश को लेकर यू.के ने सुझाव दिया है कि कनैडा कनाडा जाने वाले सभी भारतीय नागरिकों को देश में रुकने के लिए ट्रांजिट वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक होना चाहिए। यह बात कनाडा में पारगमन के दौरान यू.के. में भारतीय नागरिकों द्वारा शरण के दावों में तेजी से वृद्धि के बाद सामने आई है। साल 2022 में पिछले साल की तुलान में यू.के. बंदरगाहों पर शरण मांगने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या में 136% की वृद्धि हुई। 2023 तक, यह संख्या और भी बढ़ गई, जिसमें 1,319 भारतीय नागरिकों ने शरण मांगी, जिनमें से कई कनाडा जाने वाले ट्रांजिट यात्री थे। ब्रिटेन सरकार इसे एक गंभीर मुद्दा मानती है।