NEET के दोनों टॉपर्स के अंक 720 लेकिन रैंकिंग में फर्क क्यों?

Edited By Mohit,Updated: 17 Oct, 2020 05:51 PM

both the toppers of neet score 720 but why the difference in ranking

नीट के परिणाम में दिल्ली की अकांक्षा ने ऑल इंडिया रैंक 2 पाई है। इस छात्रा ने भी...............

लुधियाना (विक्की): नीट के परिणाम में दिल्ली की अकांक्षा ने ऑल इंडिया रैंक 2 पाई है। इस छात्रा ने भी सोयब अफताब के बराबर 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। अब अधिकतर लोगों के मन में सवाल है कि अगर दोनों स्टूडेंट्स के अंक समान हैं तो इनकी रैंकिंग में 1 पायदान का फर्क क्यों है। तो आइए आपको इसके पीछे की वजह भी बताते हैं। दरअसल 720 में से 720 अंक लाने वाली दिल्ली की अकांक्षा सिंह के हाथों से टाई-ब्रेकर नीति की वजह से पहली रैंक फिसल गई। इस नीति के तहत उम्र के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है। 

विशेषज्ञों की मानें तो टाई-ब्रेकर नीति में उम्र, विषयों में अंक और गलत उत्तर को संज्ञान में लिया जाता है। अब नीट रिजल्ट में शोएब और अकांक्षा को बराबर अंक मिले थे। इसलिए उम्र के आधार पर रैंकिंग तय की गई। स्टूडेंट्स के एक समान अंक होने पर पहले उनके बायोलोजी और फिर केमिस्ट्री के अंकों से तुलना की जाती है। अगर दोनों विषयों में समान अंक होते हैं तो परीक्षा में गलत उत्तर पर विचार किया जाता है। यहां पर भी फैसला नहीं होने पर उम्र को आधार बनाया जाता है।

टाई ब्रेकर की इसी नीति को तूम्मला स्निकिथा (तेलंगाना), विनीत शर्मा (राजस्थान), अमरिशा खैतान (हरियाणा) और गुत्थी चैतन्य सिंधू (आंध्र प्रदेश) की रैंकिग तय करने के लिए इस्तेमाल किया गया जिन्हें 720 में से 715 अंक मिले हैं एवं टाई-ब्रेकर के जरिए क्रमश: तीसरी, चौथी, 5वीं और 6वीं रैंकिंग प्रदान की गई है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!