पंजाब के अधिकारों पर केंद्र का एक और डाका, बड़े बांधों की सुरक्षा के लिए लिया ये फैसला

Edited By Vatika,Updated: 04 Mar, 2022 03:33 PM

bhakra beas management board

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पंजाब को उसके अधिकारों से वंचित कर रही है

चंडीगढ़ः केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पंजाब को उसके अधिकारों से वंचित कर रही है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बी. बी. एम. बी.) में पंजाब की सदस्यता ख़त्म करने के बाद मोदी सरकार ने अब पंजाब के अधिकारों पर एक और डाका मारा है। केंद्र सरकार ने पंजाब के बड़े बांधों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सी. आई.एस.एफ) को सौंपने का फ़ैसला लिया है। अभी तक भाखड़ा डैम, पौंग और रणजीत सागर डैम की सुरक्षा पंजाब और हिमाचल पुलिस करती रही है लेकिन केंद्र के उक्त फ़ैसले के तहत पंजाब पुलिस को बांध की सुरक्षा से हटा दिया जाएगा।

पंजाब की सियासी पार्टियों की तरफ से भी इसका सख़्त विरोध किया गया है। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि सरकार पहले से पीड़ित पंजाबियों के अधिकारों को लूट कर उन्हें और ज़्यादा परेशान न करे और बांध सहित चंडीगढ़ में पंजाब के अधिकारों को बहाल करे। मान ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लगातार पंजाबी विरोधी फैसले अमल में लिए है। कांग्रेस के बाद भाजपा सरकार पंजाब की धरती पर बने भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) में पंजाब को ही बाहर निकालने के फैसले को लागू कर रही है। मान ने कहा कि मोदी सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब की हिस्सेदारी खत्म करने के बाद बांधों की सुरक्षा में लगी पंजाब पुलिस की फोर्स को भी हटा दिया है। बोर्ड ने 3 बांधों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स को तैनात करने का फैसला किया है जबकि बांधों की सुरक्षा पर खर्च आते 90 करोड़ रुपए पंजाब सहित हिस्सेदारों से वसूल किए जाएंगे। 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब को उसके अधिकारों से वंचित कर रही है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) में पंजाब की सदस्यता खत्म करने के बाद मोदी सरकार ने अब पंजाब पुलिस को बांधों की सुरक्षा से हटाने और राज्य के डाक्टरों को चंडीगढ़ की सरकारी सेवाओं से हटाने का फैसला लिया है। मान ने मोदी से अपील की कि सरकार पहले से पीड़ित पंजाबियों के अधिकारों को लूट कर उन्हें और अधिक परेशान न करे और बांधों सहित चंडीगढ़ में पंजाब के अधिकारों को बहाल किया जाए। मान ने कहा कि मोदी सरकार ने पंजाब की जमीन पर बने आधुनिक शहर और राजधानी चंडीगढ़ से 112 डाक्टरों को बाहर कर दिया है। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत पंजाब का 60 प्रतिशत हिस्सा चंडीगढ़ में सभी प्रकार की सेवाओं और प्रबंधन में आरक्षित है, जिसके तहत चंडीगढ़ की पुलिस, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सेवाओं में पंजाब के पुलिसकर्मियों, शिक्षकों, डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों को डैपुटेशन पर तैनात किया जाता रहा है लेकिन मोदी सरकार ने चंडीगढ़ में पंजाब का डैपुटेशन खत्म करने का फैसला लागू कर दिया है।

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