बंदी छोड़ दिवस: जब 52 राजाओं को मुगलों की कैद से गुरु हरगोविंद साहिब ने दिलाई थी मुक्ति

Edited By Suraj Thakur,Updated: 27 Oct, 2019 12:54 PM

bandi chhor diwas 52 kings liberated from the prison of mughals

सिख धर्म में दीपावली के पर्व को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

अमृतसर। दीपावली हिंदू और सिख भाईचारे का सांझा त्यौहार है। सिख धर्म में दीपावली के पर्व को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवाली के अवसर पर आपको बताने जा रहे हैं कि सिख धर्म में ‘बंदी छोड़ दिवस’का महत्व क्या है और इसे धूमधाम से क्यों मनाया जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक मुगलों ने जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर के किले को अपने कब्जे में लिया तो इसे जेल में तबदील कर दिया। इस किले में मुगल सल्तनत के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को कैद करके रखा जाता था। बादशाह जहांगीर ने यहां 52 राजाओं के साथ 6वें सिख गुरु हरगोविंद साहिब को कैद रखा था।

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बताते हैं कि जहांगीर को सपने में एक रूहानी हुक्म के कारण गुरु हरगोविंद साहिब को रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा था। दीपावली के दिन गुरु साहिब मुगल बादशाह की कैद से खुद तो रिहा हुए ही साथ में 52 कैदी राजाओं को भी मुगलों की कैद से बाहर ले आए। इसी घटना की याद में वहां गुरुद्वारा बनाया गया था, जिसे गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब नाम दिया गया। सिख धर्म में दीपावली के पर्व पर तब से ही ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया जाता है।

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ऐसे जारी हुआ था गुरु हरगोविंद साहिब को आजाद करने का फरमान
इतिहासकारों के मुताबिक मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु हरगोबिंद साहिब को ग्वालियर के किले में लगभग दो साल तक कैद में रखा। ऐसा माना जाता है कि गुरू हरगोविंद को कैद किए जाने के बाद से जहांगीर को सपने में एक फकीर लगातार गुरु साहिब को आजाद करने का हुक्म देने लगा। बादशाह इस सपने से परेशान रहने लगा। उसने इस सपने का जिक्र एक फकीर से किया। फकीर ने गुरू हरगोविंद साहिब को तत्काल रिहा करने की सलाह दी। रिहाई का आदेश जार हुआ तो गुरु साहिब  52 कैदी राजाओं को भी रिहा करने की मांग करने लगे और कहा कि उनके बिना वह जेल से बाहर नहीं जाएंगे।

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52 कलियों के अंगरखे को पकड़ बाहर आए राजा
जहांगीर को उन 52 राजाओं को रिहा करना मुगल सल्तनत के लिए खतरनाक लग रहा था। उसने फकीर की सलाह पर हुक्म जारी किया कि जितने राजा गुरु हरगोविंद साहिब का दामन थाम कर बाहर आ सकेंगे वे रिहा कर दिए जाएंगे। बादशाह को लग रहा था कि 52 राजा इस तरह बाहर नहीं आ पाएंगे। कैदी राजाओं को रिहा करवाने के लिए गुरु साहिब ने 52 कलियों का अंगरखा सिलवाया। गुरु जी ने उस अंगरखे को पहना और हर कली के छोर को 52 राजाओं ने थाम लिया। इस तरह सभी राजा रिहा हो गए। गुरु हरगोविंद साहिब इसी वजह से दाता बंदी छोड़ कहा गया। गुरुजी की याद में 1968 में संत बाबा अमर सिंह जी ने ग्वालियर में गुरुद्वारे की स्थापना करवाई थी।
 

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