पंजाब के ये किसान इस दिन होंगे सम्मानित, हो गया ऐलान

Edited By Urmila,Updated: 19 Mar, 2025 03:47 PM

announcement for the farmers of punjab

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने पशुपालन में असाधारण प्रदर्शन करने वाले प्रगतिशील किसानों के लिए इस वर्ष के मुख्यमंत्री पुरस्कारों की घोषणा की है।

लुधियाना (विक्की): गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने पशुपालन में असाधारण प्रदर्शन करने वाले प्रगतिशील किसानों के लिए इस वर्ष के मुख्यमंत्री पुरस्कारों की घोषणा की है। ये पुरस्कार 21 मार्च को विश्वविद्यालय के पशुपालन मेले में प्रदान किए जाएंगे।

डॉ. रविंदर सिंह ग्रेवाल, निदेशक प्रसार शिक्षा ने पुरस्कारों के बारे में बताते हुए कहा कि पशुपालन व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब के सभी किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। प्राप्त आवेदनों की प्रारंभिक जांच के बाद विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीम ने विभिन्न फार्मों का दौरा किया तथा पशुपालकों द्वारा अपनाई गई नवीनतम एवं स्व-विकसित तकनीकों का बारीकी से निरीक्षण किया। विशेषज्ञों के निर्णय के बाद गुरलाल सिंह पुत्र हरबंस सिंह, गांव, कराडवाला, जिला, बठिंडा को भैंस डेयरी फार्मिंग श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। आज उनके पास 60 भैंसें हैं। इनमें से 25 दुधारू भैंसें प्रतिदिन 235 लीटर दूध दे रही हैं। वे दूध सीधे उपभोक्ताओं को बेचते हैं और पनीर, खोया और घी भी तैयार करते हैं।

farmer

बकरी पालन के क्षेत्र में बलदेव सिंह संधू, गांव माणूके संधू, जिला लुधियाना को दिया जाएगा। कॉलेज की पढ़ाई के बाद उन्होंने 2021 में बकरी फार्म शुरू किया। फिलहाल उनके पास 200 जानवर हैं, जिनमें बकरी, बकरे और मेमने शामिल हैं। उन्होंने अपने फार्म को प्रजनन फार्म के रूप में डिजाइन किया है। उन्होंने 'बीटल ब्रीडर्स क्लब' भी बनाया है।

यह सम्मान मत्स्य पालन के क्षेत्र में दो किसानों को दिया जा रहा है। पहले किसान अमितेश्वर सिंह गिल, पुत्र गुरिंदर सिंह गिल, जिला मोगा को दिया जाएगा। वह एक पेशेवर दंत चिकित्सक भी हैं। वे पिछले तीन वर्षों से मछली पालन के काम में लगे हुए हैं और उनके मछली फार्म की उत्पादन क्षमता 7 टन प्रति वर्ष है। दूसरे किसान परमिंदरजीत सिंह पुत्र दीदार सिंह कपूरथला जिले के निवासी हैं। वे पिछले तीन वर्षों से आधुनिक तकनीक का उपयोग कर मछली पालन का व्यवसाय कर रहे हैं। उन्होंने मछली तालाब और सूअर पालन के पेशे को एकीकृत कृषि प्रणाली के साथ जोड़ दिया है। उनका मछली फार्म 4 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिससे सालाना 10 टन मछली का उत्पादन होता है।

यह सम्मान सुअर पालन के क्षेत्र में भी दो किसानों को दिया जा रहा है। पहले किसान हरिंदरपाल सिंह पुत्र बलदेव सिंह फतेहगढ़ साहिब जिले से हैं। उन्होंने 2016 में इस पेशे की शुरुआत की। वर्तमान में उनके पास कुल 1200 पशु हैं जिनमें 120 सूरीयां भी शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों से उनके फार्म से हर साल 500-700 सूअर बेचे जा रहे हैं। दूसरे किसान सुरिंदरपाल सिंह, पुत्र सूबा सिंह, गांव वजीदपुर, जिला फिरोजपुर से हैं। उन्होंने 2016 में सूअर पालन  शुरू किया। उनका फार्म हर साल लगभग 400 सूअर भी बेचता है। वे सूअरों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक तरीकों और जैव सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन करते हैं। डॉ. ग्रेवाल ने बताया कि नकद पुरस्कार के अलावा, पुरस्कार में सम्मान पत्र, एक शॉल और एक सजावटी पट्टिका भी शामिल है।

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