Edited By Vatika,Updated: 28 Dec, 2018 01:14 PM
गुरु राम दास की बसाई नगरी में रविदास नगर के रहने वाले ‘एन्थनी’ जिला तहसील में ‘बूट पॉलिश’ से अपनी जिंदगी चमका रहे हैं। मेहनत से घर चलता रहे, यही मूलमंत्र पिता हेमराज से सीखा था। वह भी तहसील से लेकर कचहरी में ही आखिरी सांस तक ‘बूट पॉलिश’ करते रहे...
अमृतसर (सफर): गुरु राम दास की बसाई नगरी में रविदास नगर के रहने वाले ‘एन्थनी’ जिला तहसील में ‘बूट पॉलिश’ से अपनी जिंदगी चमका रहे हैं। मेहनत से घर चलता रहे, यही मूलमंत्र पिता हेमराज से सीखा था। वह भी तहसील से लेकर कचहरी में ही आखिरी सांस तक ‘बूट पॉलिश’ करते रहे हैं। एन्थनी व उनके पिता हेमराज की असल जिंदगी इस कदर बॉलीवुड से प्रभावित है कि एक सुपर हिट फिल्म बन सकती है।
पिता ने 10-12 बार देखी थी फिल्म
इस परिवार का कनैक्शन सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ जुड़ा है। एन्थनी कहते हैं कि पिता हेमराज अमिताभ बच्चन की फिल्मों के दीवाने थे। जब अमिताभ बच्चन की फिल्म लगती तो सारा दिन उनकी फिल्म के शो देखते और रात को रेलवे स्टेशन पर बूट पॉलिश करते। 1977 में अमिताभ बच्चन की फिल्म 'अमर-अकबर-एन्थनीज् आई तो पहले पिता ने 10-12 बार देखी और उसके बाद मां केसरी देवी को दिखाने सिनेमा घर ले गए। फिल्म देख कर लौटते हुए पिता ने मां से कहा था कि च्रब हमें भी 3 बेटे दे तो हम उसका नाम 'अमर-अकबर-एन्थनी' रखेंगे। विधाता को शायद यही मंजूर था। 3 बेटे हुए और तीनों का नाम अमर, अकबर, एन्थनी रखा।
एन्थनी पिता से भी 4 कदम आगे
एन्थनी पिता से भी 4 कदम आगे अमिताभ बच्चन की फिल्मों का दीवाना निकला। उसने जब अमिताभ बच्चन व शशि कपूर की फिल्म ‘दीवार’ देखी तो वह डॉयलाग ‘मेरे पास दौलत है, बंगला है, इज्जत है और तेरे पास क्या है’ का जवाब सुनकर कि ‘मेरे पास मां है’ इतना दिल को छू गया कि उन्होंने शादी न करने की ठान ली। आज भी अपने हाथों से एन्थनी अपनी मां को रोटी बनाकर खिलाता है, उनकी सेवा करने के बाद कचहरी आता है। ‘बूट पॉलिश’ करते समय रब का जप करता है। कहता है कि जिस तरह ‘अमिताभ बच्चन ने बूट पॉलिश करते समय डॉयलाग बोला था कि ‘मैं फैंके हुए पैसे नहीं उठाता, यह डायलॉग मैंने जिंदगी में बूट पॉलिश करते समय अपना ‘स्लोगन’ बना लिया है।