Edited By swetha,Updated: 29 Jan, 2020 11:20 AM
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जालंधर(बुलंद): दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान बिगड़े शिअद-भाजपा के रिश्तों के सुधरने के हालात कम ही दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच दिल्ली की राजनीति से जुड़े सूत्रों की मानें तो पिछले 2 दिनों से शिअद प्रधान द्वारा भाजपा के सीनियर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए समय मांगा जा रहा है, परंतु उन्हें अमित शाह की ओर से समय नहीं दिया जा रहा।
दिल्ली में जिस प्रकार भाजपा की ओर से अकाली दल को चुनावी गठबंधन से अलग कर अपने दम पर चुनाव लडऩे का फैसला किया गया था, उसके बाद से अकाली दल के लिए हालात सांप के मुंह में छिपकली वाले बने हुए हैं। अकाली दल के नाराज नेता सीधे तौर पर भाजपा के विरोध में डट चुके हैं और ‘आप’ का समर्थन करने में लगे हैं। सिख बहुसंख्यक इलाकों में शिअद के नेता भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन देने की जगह ‘आप’ के नेताओं का साथ देते साफ देखे जा रहे हैं। इससे भाजपा में अकाली दल के प्रति नाराजगी और बढ़ चुकी है।
सुखबीर के लिए स्थिति असमंजस वाली
वहीं पार्टी की दिल्ली इकाई की ओर से पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह सीधे तौर पर भाजपा के विरोध का दिल्ली में ऐलान करें। ऐसे में सुखबीर के लिए स्थिति बेहद असमंजस वाली बनी हुई है। इसके लिए पार्टी की ओर से कल दिल्ली के एक रेस्तरां में बैठक भी रखी गई है, जिसमें अगली रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा, लेकिन सुखबीर की पूरी कोशिश है कि इस बैठक से पहले वह अमित शाह से मिलें और कुछ ऐसा करें कि अकाली दल दिल्ली में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान करने के योग्य हो सके। भाजपा द्वारा दिल्ली में सरना बंधुओं के साथ नजदीकी रिश्तों से भी अकाली दल बादल में कई प्रकार की टैंशनें पैदा हो चुकी हैं। देखना होगा कि क्या अमित शाह सुखबीर को मिलने का टाइम देते हैं या बिना उनसे मिले ही अकाली दल दिल्ली इकाई से बैठक कर कोई फैसला लेता है।वहीं मामले के बारे में पार्टी प्रधान सुखबीर बादल से तो बात नहीं हो पाई, परंतु पार्टी प्रवक्ता दलजीत चीमा का कहना है कि वह सुखबीर के साथ ही हैं और कल ही दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने अमित शाह से समय लेने व पार्टी की बैठक के बारे में किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताई।