अमेरिका में भारतीय ट्रक ड्राइवरों के वीजा पर अचानक पाबंदी, इन लोगों पर पड़ेगा सीधा असर

Edited By Kalash,Updated: 23 Aug, 2025 11:07 AM

america ban on visas of indian truck drivers

अमेरिका ने कमर्शियल ट्रक ड्राइवरों के लिए वर्क वीजा जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

अमृतसर (आर. गिल): अमेरिका ने कमर्शियल ट्रक ड्राइवरों के लिए वर्क वीजा जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह फैसला फ्लोरिडा में 12 अगस्त 2025 को हुए एक दुखद सड़क हादसे के बाद लिया गया, जिसमें पंजाब के एक भारतीय ट्रक ड्राइवर की लापरवाही से तीन लोगों की जान चली गई। इस निर्णय से भारतीय ट्रक ड्राइवरों, खासकर पंजाबी समुदाय के उन लोगों पर गहरा असर पड़ सकता है, जो अमेरिका के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम करने की योजना बना रहे हैं।

हादसे ने बढ़ाई बहस

घटना फ्लोरिडा टर्नपाइक हाईवे पर हुई, जहां 25 वर्षीय भारतीय ड्राइवर हरजिंदर सिंह ने कथित तौर पर अवैध यू-टर्न लिया। इस दौरान उनके सेमी-ट्रक से एक मिनीवैन टकरा गई, जिसमें सवार 3 लोगों 30 वर्षीय ड्राइवर, 37 वर्षीय महिला व 54 वर्षीय पुरुष की मौके पर ही मौत हो गई। जांच में पता चला कि हरजिंदर सिंह 2018 में मेक्सिको की सीमा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए थे और उन्होंने कैलिफोर्निया से कमर्शियल ड्राइविंग लाइसैंस हासिल किया था। हालांकि, परिवहन विभाग की जांच में वह अंग्रेजी भाषा और सड़क संकेतों के टैस्ट में असफल पाए गए।

अमेरिकी सरकार का कड़ा रुख

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि विदेशी ड्राइवरों की बढ़ती संख्या अमेरिकी सड़कों पर खतरा बन रही है और स्थानीय ट्रक चालकों की आजीविका को प्रभावित कर रही है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से कमर्शियल ट्रक ड्राइवरों के लिए नए वर्क वीजा पर रोक की घोषणा की, साथ ही, मौजूदा वीजा धारकों की भी सघन जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है। रुबियो ने स्पष्ट किया कि यह कदम किसी विशेष देश को लक्षित नहीं करता, बल्कि सड़क सुरक्षा और योग्यता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

ट्रंप प्रशासन की नीति

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अप्रैल 2025 में एक कार्यकारी आदेश जारी कर कमर्शियल ट्रक चालकों के लिए अंग्रेजी भाषा मानकों को अनिवार्य किया था। इस आदेश ने 2016 के एक नियम को पलट दिया, जिसमें भाषा अक्षमता को ड्राइवर को हटाने का आधार नहीं माना जाता था। हरजिंदर सिंह पर लगे वाहन हत्या के तीन आरोपों और डिपोर्टेशन की कार्रवाई ने इस नीति को और सख्त करने की मांग को बल दिया।

भारतीय ड्राइवरों पर असर

अमेरिका के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भारतीय, विशेष रूप से पंजाबी ड्राइवरों की संख्या उल्लेखनीय है। अनुमान के मुताबिक, 1.5 लाख सिख/पंजाबी ड्राइवर अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री का 90 प्रतिशत हिस्सा संभालते हैं। इस रोक से नए आवेदकों को वीजा मिलने में देरी या अस्वीकृति का सामना करना पड़ सकता है। पहले से वहां कार्यरत ड्राइवरों की स्थिति पर तत्काल खतरा नहीं है, लेकिन उनके वीजा नवीनीकरण पर भी कड़ी निगरानी की जाएगी।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की कमी पहले से ही एक बड़ी समस्या है, जहां लगभग 60,000 ड्राइवरों की जरूरत है। इस रोक से माल ढुलाई में देरी और लागत बढ़ने की आशंका है, जो अंततः महंगाई को बढ़ा सकती है। दूसरी ओर, भारतीय ड्राइवरों के खिलाफ माहौल ने सामाजिक तनाव को भी जन्म दिया है। कुछ अमेरिकी नागरिकों और राजनेताओं का मानना है कि विदेशी ड्राइवर स्थानीय रोजगार को प्रभावित कर रहे हैं।

हरजिंदर सिंह का मामला

हरजिंदर सिंह को कैलिफोर्निया में गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने भारत लौटने से इन्कार करते हुए उत्पीड़न का डर जताया है, जिसके बाद उन्हें जनवरी 2019 में 5,000 डॉलर के इमिग्रेशन बॉन्ड पर रिहा किया गया था। इस मामले ने अमेरिका में अवैध प्रवास और खालिस्तान समर्थन जैसे मुद्दों पर भी बहस छेड़ दी है।

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