Edited By Kalash,Updated: 24 Nov, 2024 04:55 PM
आधार कार्ड बनाने और बायोमेट्रिक अपडेट को प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
पंजाब डेस्क/संगरूर : जनसंख्या पहचान और डिजिटल सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के मिशन के तहत डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि ने बच्चों के आधार कार्ड बनाने और बायोमेट्रिक अपडेट को प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिला स्तरीय आधार मॉनिटरिंग कमेटी की मीटिंग के दौरान उन्होंने बच्चों के आधार डेटा को आधुनिक बनाने के लिए विशेष प्रयास की जरूरत पर जोर दिया। इस मीटिंग में जिले के अधिकारियों के साथ यू.आई.डी.ए.आई. क्षेत्रीय दफ्तर चंडीगढ़ से प्रोजेक्ट मैनेजर मधुर बंसल और सहायक मैनेजर कमल शर्मा भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। उन्होंने नागरिकों के लिए आधार कार्ड संबंधी सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के मुद्दों पर चर्चा की।
नवजात बच्चों के लिए विशेष कैंप
डिप्टी कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में नवजात बच्चों और पांच वर्ष तक के बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए विशेष कैंप लगाई जाएं। उन्होंने कहा कि जन्म पंजीकरण से संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आधार कार्ड तुरंत बनाए जाएं और माता-पिता को आधार के महत्व के बारे में बताया जाए।
बायोमेट्रिक अपडेट का महत्व
डिप्टी कमिश्नर ने चेतावनी दी कि बच्चों के आधार कार्ड में पांच वर्ष की आयु पूरी करने और फिर 15 वर्ष की आयु पूरी करने पर बायोमेट्रिक अपडेट करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता अक्सर इस बात से अनजान होते हैं, जिससे बाद में आधार से जुड़ी कई समस्याएं पैदा होती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि 5 से 7 और 15 से 17 साल के बच्चों के मुफ्त बायोमेट्रिक अपडेट के लिए माता-पिता को आधार केंद्रों पर जाना चाहिए।
स्कूलों को सहयोगी बनाना
उन्होंने कहा कि छात्रों के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए स्कूलों को भी चयन केंद्र बनाया जा सकता है। स्कूल प्रबंधन को रोस्टर के आधार पर छात्रों के डेटा की अपडेट प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के साथ तालमेल बनाने की जरुरत पर जोर दिया।
नागरिकों के लिए निःशुल्क सेवाएं
बैठक के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर मधुर बंसल ने बताया कि आधार कार्ड से संबंधित दस्तावेजों को 14 दिसंबर 2024 तक नि:शुल्क अपडेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर और अन्य दस्तावेजों को अपडेट करना जरूरी है, ताकि नागरिकों को बिना किसी बाधा के आधार संबंधी सेवाएं मिल सकें।
अधिकारियों का योगदान
इस मौके पर डी.एफ.एस.सी. गुरप्रीत सिंह कंग, डी.एफ.पी.ओ. डॉ. विनोद कुमार, पोस्ट-मास्टर कुलदीप सिंह व डिप्टी डी.ई.ओ. मंजीत कौर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि बच्चों के आधार कार्ड और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए अधिक प्रयास किए जाएंगे। बच्चों के आधार कार्ड बनाने और बायोमेट्रिक अपडेट की ये पहल न केवल सरकारी योजनाओं को सुनिश्चित करने के लिए फायदेमंद है बल्कि डिजिटल पहचान के युग में हर बच्चे को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। संगरूर जिले की यह मुहिम एक मिसाल कायम करेगी।
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