Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Sep, 2019 10:13 AM
सरहद पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना मंगलवार को पठानकोट एयरबेस पर 8 अपाचे हेलीकॉप्टरों को तैनात करेगी। इससे वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में बढ़ौतरी होगी। यह फैसला पठानकोट एयरबेस के रणनीतिक महत्व को देखते हुए लिया गया है।
पठानकोट(आदित्य): सरहद पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना मंगलवार को पठानकोट एयरबेस पर 8 अपाचे हेलीकॉप्टरों को तैनात करेगी। इससे वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में बढ़ौतरी होगी। यह फैसला पठानकोट एयरबेस के रणनीतिक महत्व को देखते हुए लिया गया है। यह एयरबेस पाकिस्तानी सीमा के करीब स्थित है। वायुसेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए लांचिंग समारोह का आयोजन 3 सितम्बर को पठानकोट एयरबेस में कराया जाएगा, जिसमें मुख्यातिथि के तौर पर वायुसेना प्रमुख बी.एस. धनोआ शामिल होंगे। ए.एच-64 ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हैलीकाप्टरों में से एक है। इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है।
2015 में हुआ था अनुबंध
वायुसेना ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए सितम्बर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अनुबंध किए थे। बोइंग द्वारा 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टरों में से पहले 4 को वायुसेना को सौंप दिया गया था। हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हैलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी लगभग इस सौदे के लगभग 4 साल बाद हुई थी। इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपए की लागत से बोइंग से 6 अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। सूत्रों के अनुसार 2020 तक, भारतीय वायुसेना 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी।
भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है अपाचे हेलीकॉप्टर
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर के आने से वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। इस हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है। बोइंग ने दुनिया भर में 2,200 से अधिक अपाचे हैलीकॉप्टर का सौदा किया है। भारत इसे इस्तेमाल करने वाला 14वां देश होगा।
पहाड़ों-जंगलों में दुश्मनों से मुकाबला करने में कारगर
इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह विमान पहाड़ों और जंगलों में आतंकवादियों और दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए भी कारगर होते हैं। इसके अलावा, अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टर प्रोग्राम का हिस्सा है। अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल कांबेट हैलीकॉप्टर के तौर पर जाना जाता है। इस विमान का इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हैलीकॉप्टर्स की सप्लाई की है। वायुसेना रूस निर्मित एम.आई.-35 का इस्तेमाल वर्षों से कर रही है, लेकिन यह अब रिटायरमैंट के कगार पर है। अपाचे दुश्मन की किलेबंदी को भेदने व उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम।