Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 01:33 PM
नगर निगम चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 8 फरवरी से शुरू हो जाएगी। इससे पहले कांग्रेस में टिकटें बांटने की प्रक्रिया एकाएक तेज हो गई है। इसके तहत इंटरव्यू सैशन शनिवार को मुकम्मल कर लिया गया था और 2 दिन तक होमवर्क करने के बाद मंगलवार...
लुधियाना(हितेश): नगर निगम चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 8 फरवरी से शुरू हो जाएगी। इससे पहले कांग्रेस में टिकटें बांटने की प्रक्रिया एकाएक तेज हो गई है। इसके तहत इंटरव्यू सैशन शनिवार को मुकम्मल कर लिया गया था और 2 दिन तक होमवर्क करने के बाद मंगलवार को विधायक व हलका इंचार्ज ने अपनी सिफारिशें पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को सौंप दी। हालांकि फैसला लेने के लिए औपचारिक तौर पर मीटिंग वीरवार को होगी। इसमें जाखड़ के अलावा पंजाब प्रभारी आशा कुमारी, हरीश चौधरी, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्द्र बाजवा व एम.पी. रवनीत बिट्टू शामिल होंगे।
यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि टिकटों के लिए आवेदन दाखिल करने से काफी समय पहले ही कांग्रेस विधायकों या हलका इंचार्जों ने अधिकतर वार्डों में अपने करीबियों को उम्मीदवार के तौर पर हरी झंडी दी हुई है। लेकिन उनको विरोधियों के अलावा अपनो से चुनौती मिल रही है। इसके तहत अधिकतर वार्डों में टिकटों के दावदारों द्वारा विधायकों के करीबियों को खुला चैलेंज दिया जा रहा है। जो सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के अलावा टिकट के लिए चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक जोर लगा रहे हैं। इन दावेदारों द्वारा इंटरव्यू के दौरान अपनी भड़ास निकाली जा चुकी है और अब उनकी सिफारिशों से विधायक भी परेशान नजर आ रहें हैं। जिनके द्वारा मंलगवार को जाखड से मिलकर सिंगल नाम की सिफारिश जाखड़ को सौंप दी गई। जहां तक हाईकमान का सवाल है, वो टिकटों के बंटवारे में विधायकों को पहल देने की बात तो कई बार कह चुकी है। लेकिन अब हाई लेवल मीटिंग में लिए जाने वाले फैसले से साफ होगा कि विधायकों को कितनी तरजीह दी गई।
बिट्टू ने अलग से बनाई अपनी लिस्ट
वैसे तो दावेदारों की इंटरव्यू के दौरान कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्द्र बाजवा पहले ही यह संकेत दे गए हैं कि टिकटें बंटवारे में सांसद रवनीत बिट्टू की अहम भूमिका रहेगी। जिसके तहत उन्होंने सभी को बिट्टू के फैसले से सहमत होने का पाठ पढ़ाया था। उसके बाद बिट्टू ने लिस्ट बनाई है। इसमें विधायकों से चुनावों में उनकी मदद या विरोध करने वालों के बारे में तो फीडबैक लिया ही गया, बिट्टू द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपनी टीम तैयार करने के हिसाब से भी रणनीति बनाई जा रही है।
कई और विधायकों के रिश्तेदार चुनाव लडऩे की तैयारी में
नगर निगम के पिछले सैशन की बात करें तो विधायक भारत भूषण आशु, रंजीत ढिल्लों, दर्शन सिंह शिवालिक की पत्नियों ने चुनाव जीता था। अब भी तीनों दोबारा चुनाव लडऩे जा रही हैं। इसके अलावा आशु का भाई भी पार्षद है और अब फिर उनके खिलाफ किसी ने टिकट नहीं मांगी। इसके मद्देनजर बाकी विधायक भी अपने रिश्तेदारों को निगम सदन में भेजने की कवायद में जुट गए हैं। इसके तहत सुरेन्द्र डाबर, राकेश पांडे व संजय तलवाड़ की चर्चा पहले से चल रही है तो विधायकों में नए नाम बैंस ब्रदर्स व कुलदीप सिंह के रूप में सामने आए हैं। जो अपने परिवार के मैंबरों को नगर निगम चुनाव लड़वाने की तैयारी में जुटे नजर आ रहे हैं। हालांकि पूर्व विधायकों में से हीरा सिंह गाबडिय़ा के बेटे को टिकट मिल चुकी है और प्रेम मित्तल, सतपाल गोसाईं व हरीश बेदी के पारिवारिक मैंबर भी नगर निगम चुनाव लड़ सकते हैं।