Edited By Kalash,Updated: 20 Apr, 2024 12:56 PM
जिला बार संघ द्वारा बेचे जाने वाले वकालत नामो पर भाजपा के प्रचार को लेकर छापे के कुछ वकालतनामे सामने आने पर विवाद पैदा हो गया है
लुधियाना (मेहरा): जिला बार संघ द्वारा बेचे जाने वाले वकालत नामो पर भाजपा के प्रचार को लेकर छापे के कुछ वकालतनामे सामने आने पर विवाद पैदा हो गया है। जिला बस संघ की तरफ से अदालतों में कोई केस दायर करने के लिए जिला बार संघ के वकालतनामे प्रकाशित किए जाते हैं व उन्हें बेचा जाता है, लेकिन चुनावों के मौजूदा समय के दौरान उनके ऊपर बीजेपी लिखे जाने को लेकर वकीलों में रोष व्यापत हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिला बार संघ के वित्त सचिव कार्निश गुप्ता की मोहर तले कुछ वकालतनामे जिनकी सीरीज 0 0 502,503 ,504 है, वकीलों के सामने आए हैं। जिनके ऊपर स्पष्ट तौर पर बीजेपी लिखा गया है, जिसके चलते वकीलों ने वकीलों के ही व्हाट्सएप ग्रुप में उसकी फोटो शेयर कर इस पर कार्रवाई करने की मांग की है। वकीलों ने इसे बेहद संगीन मामला बताते हुए कहां है कि उपरोक्त जानकारी सामने आने पर जिला बार संघ व बार कौंसिल को तत्काल इसका संज्ञान लेना चाहिए व कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह इतिहास में पहली बार हुया है, जब एक पदाधिकारी खुले तौर पर बार की मर्यादा को टांग कर किसी पार्टी का खुलेआम प्रचार किया है।
पंजाब हरियाणा बार काउंसिल के सदस्य हरीश राय ढांडा ने इसे गलत बताते हुए कहा की जिला बार संघ की संपत्ति सभी वकीलों की है ना की किसी एक पदाधिकारी की। उन्होंने कहा कि मौजूदा संघ के कुछ पदाधिकारी भारतीय जनता पार्टी के सपोर्टर है,लेकिन उनका यह अधिकार कतई नहीं बनता है कि वह वकालत नाम पर पार्टी का नाम लिखकर उसका प्रचार करें। उन्होंने भी इस पर कार्रवाई करने की मांग की।इसके अलावा बार काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन व जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष परोपकार सिंह घुमन ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि वकालतनामे पर किसी भी पार्टी का किसी को भी प्रचार करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि जिला बार संघ किसी भी पार्टी से ऊपर है और सभी वकीलों ने मिलजुल कर हर पार्टी के प्रत्याशी का खुले तौर पर स्वागत किया है और यह पहली बार है जब जब किसी पदाधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसी पार्टी का प्रचार किया है। इसके इलावा जिला कांग्रेस कानूनी सैल के चेयरमैन धर्मजीत सिंह खेड़ा, कमलजीत शर्मा के इलावा वकीलों अमर अशोक पाठक, राजीव कोशल, टी.पी.एस. धालीवाल, गुरकिरपाल सिंह गिल, विजय मेहरा आदि ने भी इसकी निंदा की है।
इस संबंध में जब जिला बार संघ के प्रधान चेतन वर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में उपरोक्त बात आने पर उन्होंने उपरोक्त वकालतनामे की सीरिज़ को वापस ले लिया है।उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर नहीं बल्कि छपाई के दौरान अनजाने में हुआ है। इसके अलावा उपरोक्त मामला जिला चुनाव अधिकारी कम जिलाधीश साक्षी साहनी के संज्ञान में आने के बाद उनके द्वारा भी नोटिस जारी कर दिया गया है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here