Edited By Subhash Kapoor,Updated: 25 Jan, 2025 12:38 AM
जिला राजौरी के बडाल गांव में पिछले डेढ़ महीने से जारी स्वास्थ्य संकट में अब तक 17 लोगों की मौत और कई के बीमार होने की घटनाओं ने पूरे इलाके को चिंतित कर दिया है। इन मौतों और बीमारी के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है
राजौरी (शिवम) :- जिला राजौरी के बडाल गांव में पिछले डेढ़ महीने से जारी स्वास्थ्य संकट में अब तक 17 लोगों की मौत और कई के बीमार होने की घटनाओं ने पूरे इलाके को चिंतित कर दिया है। इन मौतों और बीमारी के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने गांव में 400 कर्मचारियों की नियुक्ति की है, जो विभिन्न विभागों से हैं। इनका कार्य ग्रामीणों की जरूरतों की निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
प्रशासन और गृह विभाग द्वारा भेजी गई अंतर विभागीय टीम ने अब तक कई सैंपल इकट्ठा किए हैं। गांव में रह रहे लोगों के खाने-पीने की निगरानी के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। जिन ग्रामीणों को राजौरी के नर्सिंग कॉलेज में शिफ्ट किया गया है, उनके घरों और मवेशियों की देखभाल के लिए भी अलग से कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
400 कर्मचारियों का मुख्य कार्य ग्रामीणों को राशन की सही आपूर्ति सुनिश्चित करना, उनके द्वारा बनाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जांच करना, और उन्हें स्वच्छ पानी का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा, जिन घरों में कोई नहीं है, उनकी सुरक्षा और मवेशियों की देखभाल भी इन कर्मचारियों की जिम्मेदारी है।
शुक्रवार को बडाल गांव की एक और लड़की नसरीन अंजुम पुत्री मोहम्मद सुलेमान उम्र 16 वर्ष को बुखार और बेचैनी की शिकायत के बाद राजौरी के मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत स्थिर है।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। यहां तक कि सर्दी की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं ताकि इस स्वास्थ्य आपातकाल का सामना किया जा सके। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 10 अतिरिक्त मेडिकल छात्रों को जीएमसी राजौरी में तैनात किया है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा सके।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि वर्तमान में बडाल गांव के 11 मरीज जीएमसी राजौरी में इलाजरत हैं। इनमें से दो मरीज आईसीयू में हैं, जबकि 9 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। सभी की हालत बेहतर बताई जा रही है।
प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ग्रामीण भयमुक्त रहें और उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं समय पर मिलें।
प्रशासन का कहना है कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं, और जांच रिपोर्ट आने के बाद मौतों और बीमारियों के असल कारणों का खुलासा हो सकेगा।