अब NOC के बिना अनधिकृत कालोनियों की प्रापर्टी की नहीं होगी रजिस्ट्री

Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Dec, 2019 11:50 AM

without noc property will not be registered

प्रदेश के रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री से इंकार करने की बजाय एन.ओ.सी. मिलने तक वसीका को लंबित रखने के जारी किए आदेश

जालंधर(चोपड़ा): पंजाब सरकार ने अनधिकृत कालोनियों से संबंधित रिहायशी व कमर्शियल प्रापर्टियों की एन.ओ.सी. के बिना रजिस्ट्री/ट्रांसफर डीड करने पर पाबंदी लगा दी है। राज्य के माल, पुनर्वास व डिजास्टर मैनेजमैंट विभाग के विशेष सचिव ने प्रदेश के सभी रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार/सह-रजिस्ट्रार को आदेश जारी किए हैं कि वह एन.ओ.सी. के बिना किसी भी व्यक्ति को प्रापर्टी की बिक्री व ट्रांसफर न करें परंतु इस दौरान रजिस्ट्री करने से इंकार भी न किया जाए और जब तक संबंधित विभाग से जारी एन.ओ.सी. पेश नहीं की जाती तब तक वसीके को रजिस्ट्रेशन के लिए लंबित रखा जाए।

विशेष सचिव ने बताया कि विभाग की तरफ से पंजाब अपार्टमैंट व रैगुलेशन एक्ट 1995 की धारा 20 और धारा 20 (3) में किए गए संशोधन के अनुसार सब रजिस्ट्रार/सह सब रजिस्ट्रार यह तसल्ली करने के बाद ही अनधिकृत कालोनियों के प्लाट/साइट्स की बिक्री/ट्रांसफर डीड करते समय निश्चित करेंगे कि क्या संबंधित विभाग ने उक्त प्रापर्टी संबंधी एन.ओ.सी. जारी किया है या नहीं?

उन्होंने बताया कि इस संबंधी मामले पर विचार करते हुए यह मामला कानूनी और वैधानिक मामले विभाग को विचार देने के लिए रैफर किया गया था कि मकान उसारी व शहरी विकास विभाग की तरफ से पंजाब अपार्टमैंट और प्रापर्टी रैगुलेशन एक्ट 1995 में उक्त संशोधन संबंधी जारी की गई नोटीफिकेशन नं. 22-एल.ई.जी./2014 तिथि 27.08.2014 सब रजिस्ट्रार/संयुक्त सब रजिस्ट्रार जोकि रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 (सैंट्रल एक्ट) की धाराओं के तहत काम करने के पाबंद है या नहीं? जिस पर विभाग ने अपनी राय में बताया कि मकान निर्माण व शहरी विकास विभाग की तरफ से पंजाब अपार्टमैंट और प्रापर्टी रैगुलेशन एक्ट 1995, जोकि स्टेट एक्ट है, जिस कारण रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार सैंट्रल एक्ट की धारा के तहत काम करने के पाबंद नहीं हैं।

वहीं पंजाब अपार्टमैंट एंड प्रापर्टी रैगुलेशन एक्ट 1995 में संशोधन संबंधी जारी की गई नोटीफिकेशन सब रजिस्ट्रार जोकि रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धाराओं के तहत काम करते हैं, पर लागू नहीं होगी। विभाग ने 22 मार्च, 2018 को इस संबंधी जारी की गई अपनी हिदायतों को भी तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है।

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