Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 14 Oct, 2019 09:30 AM
रोबोटिक एक ऐसी तकनीक है जिससे घुटना बदलवा कर रोगी 3 घंटे बाद चल सकता है।
जालंधर(रत्ता): रोबोटिक एक ऐसी तकनीक है जिससे घुटना बदलवा कर रोगी 3 घंटे बाद चल सकता है। इस संबंध में एन.एच.एस. अस्पताल कपूरथला रोड के ऑर्थोपैडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जन डा. शुभांग अग्रवाल ने सुमन अस्पताल लुधियाना में रविवार को रोगियों की जांच करते हुए बताया कि एन.एच.एस. अस्पताल के ऑर्थो रोबोटिक यूनिट में इस तकनीक से अब तक जितने भी रोगियों के घुटने बदले गए हैं वे पूरी तरह संतुष्ट हैं क्योंकि इस तकनीक से घुटना बदलने के दौरान न तो खून का बहाव अधिक होता है और न ही रोगी को ज्यादा दर्द होता है।
डा. शुभांग ने बताया कि दर्द रहित इस तकनीक से घुटना बदलने के लिए हड्डी एवं घुटने के आसपास की मांसपेशियों को नहीं काटा जाता। नैवियो रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम से खराब हुए घुटने को साफ करके उस जगह को तराश कर वहां पर कृत्रिम घुटना लगा दिया जाता है। इस तकनीक से घुटना बदलने का नतीजा इतना सटीक होता है कि घुटने का कृत्रिम जोड़ भी कुदरती जोड़ जैसा बन जाता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से घुटना बदलवाने के उपरांत रोगी को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है।