Edited By swetha,Updated: 11 Dec, 2019 11:46 AM
भाजपा के 13 मंडलों के प्रधान पद के लिए करवाए गए चुनाव विवादों में घिर गए हैं। हालांकि चुनाव अधिकारियों ने 6 मंडल प्रधानों की घोषणा कर दी, जबकि बाकी 7 मंडलों पर फैसला पैंडिंग रखा गया है।
जालंधर(गुलशन): भाजपा के 13 मंडलों के प्रधान पद के लिए करवाए गए चुनाव विवादों में घिर गए हैं। हालांकि चुनाव अधिकारियों ने 6 मंडल प्रधानों की घोषणा कर दी, जबकि बाकी 7 मंडलों पर फैसला पैंडिंग रखा गया है। चुनावों के दौरान नॉर्थ और सैंट्रल हलके में गुटबाजी सबसे ज्यादा देखने को मिली, क्योंकि इन हलकों में कुछ अन्य नेता भी चुनाव लडऩे का सपना देख रहे हैं। वैस्ट विधानसभा हलके में सर्वसम्मति से मंडल प्रधान चुने जाने की चर्चा थी, लेकिन अब वहां भी बगावती सुर उठने शुरू हो गए हैं। यहां भी उन सीनियर नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया, जिन्होंने अपनी जिंदगी के कई साल पार्टी की सेवा में गुजार दिए। ऐसे तजुर्बेकार नेताओं को छोड़कर उन लोगों को मंडल प्रधान नियुक्त कर दिया गया, जिनका अभी युवा मोर्चा में काम करने का समय है। वैस्ट विधानसभा हलके में ङ्क्षचगारी अंदर ही अंदर सुलग रही है।सूत्रों के अनुसार दरकिनार किए गए कार्यकत्र्ताओं द्वारा एक प्रभावशाली बैठक भी की गई है। आने वाले दिनों में ङ्क्षचगारी भड़कने की संभावना भी जताई जा रही है।
भाजपा हाईकमान पंजाब में कमजोर स्थिति को लेकर चिंतित
भाजपा हाईकमान पंजाब में अपनी कमजोर स्थिति को लेकर पहले ही काफी चिंतित है, क्योंकि पंजाब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व न तो लोकसभा चुनावों और न ही विधानसभा के उप-चुनाव में अपना दमखम दिखा पाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री पार्टी को संगठित करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। गुटबंदी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में पंजाब में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए पुराने और सीनियर नेताओं को आगे लाने की जरूरत है, ताकि उनके तजुर्बे का फायदा लिया जा सके, लेकिन पंजाब में गुटबंदी इतनी हावी है कि सीनियर नेताओं को नीचा दिखाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है। इसका खमियाजा भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।