Edited By Sunita sarangal,Updated: 29 Mar, 2020 12:53 PM

कोरोना वायरस के कारण लघु उद्योगों में उत्पादन बिल्कुल ठप्प होकर रह गया है तथा देश भर में चल रहे लॉकडाऊन को देखते हुए उद्योगपतियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि जिस तरह....
जालंधर(धवन): कोरोना वायरस के कारण लघु उद्योगों में उत्पादन बिल्कुल ठप्प होकर रह गया है तथा देश भर में चल रहे लॉकडाऊन को देखते हुए उद्योगपतियों ने मोदी सरकार से मांग की है कि जिस तरह से उसने 100 से कम श्रमिकों वाले उद्योगों के पी.एफ. का भुगतान करने का ऐलान किया है उसी तरह 100 से अधिक कर्मचारियों व श्रमिकों को रोजगार देने वाले उद्योगों में भी कर्मचारियों के पी.एफ. का भुगतान भारत सरकार को करना चाहिए। उद्योगपति व निर्यातक सुरेश शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार को छोटे व मध्यम आकार के उद्योगों के बीच में भेदभाव को खत्म करना चाहिए क्योंकि अगर मध्यम आकार के उद्योगों ने 100 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार दिया हुआ है तो ऐसा करके वे सरकार का ही साथ दे रहे हैं।
बैंकों को सभी प्रकार की किस्तों को स्वयं ही 3 महीने के लिए आगे डाल देना चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि छोटे व मध्यम आकार के उद्योगों के लिए बैंकों को उनकी लिमिटों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ौतरी कर देनी चाहिए, इससे उद्योग अपने श्रमिकों के वेतनों का भुगतान समय पर कर सकेंगे तथा श्रमिकों के अंदर पैदा हुई अनिश्चितता की स्थिति दूर हो सकेगी। इसी तरह से उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि वह बिजली बिलों की वसूली अगले 3 महीनों के लिए स्थगित कर दे क्योंकि इस समय फैक्टरियां चल ही नहीं रही हैं।